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भारत रवांडा का मजबूत विकास साझेदार : हामिद अंसारी

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रवांडा 21-Feb-2017

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि भारत रवांडा का मजबूत विकास साझेदार है।अंसारी ने यहां रवांडा विश्वविद्यालय में अपने एक संबोधन में कहा, "भारत में हम खुद को रवांडा का एक मजबूत विकास साझेदार मानते हैं। हम सौर विद्युतीकरण, खाद्य प्रसंस्करण, कौशल विकास और जलविद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में पहले से सहयोग कर रहे हैं।"अंसारी ने कहा, "अफ्रीका के साथ भारत के आदान-प्रदान की अपनी कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथ्य पर आधारित है, जिसमें उन्होंने मजबूत भावनात्मक जुड़ाव का आह्वान किया है, जो उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारे साझा ऐतिहासिक संघर्ष और हमारे लोगों को समृद्ध बनाने की हमारी भावना द्वारा परिभाषित हो।"उपराष्ट्रपति अंसारी 19 से 21 फरवरी तक रवांडा के दौरे पर हैं।रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे के भारत दौरे के परिणाम पर अंसारी ने कहा, "राष्ट्रपति कागामे के हाल के दौरे के दौरान एक सड़क परियोजना के लिए आठ करोड़ डॉलर के एक नए ऋण पर सहमति बनी है। हम रवांडा के नागरिकों और रक्षाकर्मियों को विभिन्न तकनीकी सहयोग एवं सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति के प्रावधान बढ़ाने और उसे जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं।"कागामे नौ जनवरी से 11 जनवरी तक भारत के दौरे पर थे।

कागामे के दौरे के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग को एक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाने पर सहमत हुए थे और भारत ने इस अफ्रीकी देश में 41,190 हेक्टेयर खेती की भूमि के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 12 करोड़ डॉलर का ऋण दिया था।अंसारी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर कहा, "पिछले पांच वर्षो में हमारा द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो गया है, लेकिन 10.60 करोड़ डॉलर फिर भी मामूली और संभावना से काफी कम है। रवांडा की अर्थव्यवस्था गतिशील है और यह व्यापार की आसानी में, निवेशकों को कई लाभ मुहैया कराने में उच्च स्थान रखता है।"अफ्रीकी कृषि क्षेत्र में भारतीय निवेश और भारत में उसके संभावित बाजार पर अंसारी ने कहा, "शहरी भारत में बढ़ता मध्यवर्ग अफ्रीकी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए एक भरोसे का उपभोक्ता बन सकता है।"उन्होंने कहा, "भारत अफ्रीका में पैदा होने वाली वस्तुओं और सेवाओं को दीर्घकालिक, स्थिर और लाभदायी बाजार मुहैया कराता है। भारत के लिए अफ्रीका के पास हमारी ऊर्जा सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा जरूरतों में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनने की संभावना है। यह दोनों के लिए लाभकारी स्थिति है।"अंसारी ने कहा, "अफ्रीका में भारतीय निवेश की मात्रा हाल के वर्षो में बढ़ी है और फिलहाल यह लगभग 35 अरब डॉलर हो गया है। इस निवेश का ज्यादातर हिस्सा दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में है।"