5 Dariya News

आईएसएस में सुपरबग के उत्परिवर्तनका अध्ययन करेगी नासा

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न्यूयॉर्क 19-Feb-2017

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) जैसे एक शून्य गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण में एंटीबायोटिक रोधी सुपरबग भेजने से नासा को यह समझने में मदद मिलेगी कि सुपरबग आखिर किस तरह उत्परिवर्तित होकर उपलब्ध एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोधी हो जाता है। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता ने यह जानकारी दी है। 'फाक्स6नाउ' की रपट के मुताबिक, एक एंटीबायोटिक रोधी सुपरबग को स्पेसएक्स फाल्कन9 रॉकेट के जरिए उसी केप केनवरल प्रक्षेपण केंद्र से छोड़ा जाएगा, जहां से पहला मानव मिशन चंद्रमा के लिए छोड़ा गया था। और आईएसएस पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री जल्द ही इस सुपरबग का अध्ययन करेंगे।

नासा के साथ मिलकर काम कर रहे भारतीय मूल की मुख्य शोधकर्ता अनिता गोयल ने कहा मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस एयूरियस (एमआरएसए) मेथिसिलीन और कई अन्य एंटीबायोटिक के लिए प्रतिरोधी है।इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें घाव का सड़ना, निमोनिया और त्वचा और खून में संक्रमण शामिल हैं।गोयल ने नासा की तरफ से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम एमआरएसए को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में भेजने और इन बग की वृद्धि व इनके उत्परिवर्तन पर नगण्य गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों की जांच करने को लेकर उत्साहित हैं।"