ज्ञान को कर्म में ढालना गुरसिख के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण : महात्मा एस.एल.सूद
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होशियारपुर 18-Feb-2017
सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन असलामाबाद में मुखी माता सुभदरा देवी जी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली में बने टूर कार्यक्रम दौरान महात्मा एस.एल सूद विशेष तौर पर पहुंचे। इनके साथ महात्मा विद्या सागर जी हिमाचल वाले भी थे। इस मौके उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि ज्ञान हासिल करना जितना ज्यादा जरूरी इंसान के लिए होता है, उससे ज्यादा जरूरी ज्ञान को कर्म में ढालना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि किसी वस्तु के बारे में जानकारी हासिल करने की महत्ता उतना समय ही होती है, जितना समय उस वस्तु का प्रयोग न किया जाए, जब उस वस्तु का प्रयोग हो जाता है तो जानकारी की महत्ता के साथ साथ कर्म की महत्ता भी बढ़ जाती है। उन्होंने इस बात को अध्यात्मिकता के साथ जोड़ते हुए बताया कि जितना समय इस निराकार प्रभु की जानकारी हासिल नहीं हो जाती तब तक गुरु की मत के अनुसार इंसान का कर्म भी नहीं हो सकता। जब इंसान इस परमात्मा की जानकारी हासिल कर लेता है तो इंसान का कर्म अपने आप ही गुरु की मत के अनुसार चलना शुरू हो जाता है।
उस इंसान के जीवन में प्यार, निर्मता व सहनशीलता आदि सहित अन्य अध्यात्मिक गुणों का प्रवेश हो जाता है, जिससे इंसान गुरु की मत के अनुसार चलते हुए गुरसिखी वाला जीवन जीना शुरू कर देता है। प्यार हम तब तक नहीं कर सकते जब तक इस निराकार की ज्योति को हम सारे इंसानों में नहीं देखते। सतगुरु की शरण में जब इंसान इस निराकार को जान लेता है तो उसको इस बात की समझ आ जाती है कि सारे ही हम परमात्मा की अंश है तथा एक ही पिता की संतान है। फिर इंसान का नजरिया बदल जाता है फिर वह गुरु की आख से देखता, गुरु के कान से ही सुनता है तथा गुरु के कहे अनुसार ही चलता है। गुुरसिख अपने कर्मों को छोड़ कर सतगुरु के कहे अनुसार कर्म करता है। अंत में कैप्टन हरी राम जी ने दुप्पटा पहना कर आए हुए महात्मा एस.एल.सूद जी का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया। इस दौरान राकेश कुमार जी ने मंच सचिव की सेवा निभाई। इस मौके संचालक बाल किशन जी, शिक्षक देविंदर बोहरा बोबी, बख्शी सिंह, निर्मल दास, गिरधारी लाल, पंकज कुमार, जसवीर सिंह, योगराज, सुनील कुमार, सोहन लाल सैनी, बहन सुशील जी, बहन मोहनी जी, गुणवंत कपूर जी, कमल, निधी, निरजा आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।