5 Dariya News

नोटबंदी के बाद चंद सप्ताहों में हालात सामान्य हुए : अरुण जेटली

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नई दिल्ली 17-Feb-2017

सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस की क्षमता की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि लोग अनुमान लगा रहे थे कि नोटबंदी के बाद हालात सामान्य होने में सात महीने या सालभर लग जाएंगे, लेकिन स्थिति कुछ ही सप्ताहों में सामान्य हो गई। जेटली ने सिक्युरिटी प्रिटिंग मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसपीएमसीआईएल) के 11वें स्थापना दिवस पर कहा, "लोग आमतौर पर अनुमान लगा रहे थे कि पुनर्मुद्रीकरण में सात महीने या सालभर लग जाएंगे, लेकिन कुछ ही सप्ताहों में हालात सामान्य हो गए।"उन्होंने कहा, "एसपीएमसीआईएल और भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटों की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए सराहनीय काम किया है। पूरी क्षमता के साथ चौबीसों घंटे काम करना एसएमपीसीआईएल के लिए सराहनीय है।"जेटली ने कहा कि अन्य कंपनियों में 99 फीसदी क्षमता को अच्छा माना जाता है, लेकिन एसएमपीसीआईएल ने 100 फीसदी त्रुटि मुक्त कार्य किया, क्योंकि नोटों की छपाई में एक फीसदी की भी ढिलाई गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।

उन्होंने कहा कि एसपीएमसीआईएल ने दुनिया की सबसे बड़ी नोटबंदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जेटली ने ऋण मुक्त होने के लिए भी एसपीएमसीआईएल की प्रशंसा की और कहा कि एसपीएमसीआईएल न सिर्फ नोट छाप रहा है, बल्कि सरकार के लिए भी पैसे कमा रहा है।सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसई) के तहत एसपीएमसीआईएल की स्थापना 13 जनवरी, 2006 को हुई थी, जिसका उद्देश्य चार सरकारी टकसालों, नोट छापने वाले दो प्रेसों, दो सिक्योरिटी प्रेसों तथा एक सिक्योरिटी पेपर मिल का प्रबंधन करना था। निगम पर पूरी तरह केंद्र सरकार का नियंत्रण है।निगम ने अक्टूबर 2010 में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) के साथ मिलकर बैंक नोट पेपर मिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (बीएनपीएमआईपीएल) के नाम से एक साझा उपक्रम स्थापित किया है, जिससे सिलिंड्रिकल माउल्ड वैट मोड वाटरमार्क बैंक नोट (सीडब्ल्यूबीएन) का देश में उत्पादन हो सकेगा।निगम की बिक्री साल 2014-15 के दौरान 4,413.85 करोड़ रुपये थी, जो 2015-16 के दौरान 5.30 की वृद्धि के साथ बढ़कर 4,647.57 करोड़ रुपये हो गई।