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ई. पलनीस्वामी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

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चेन्नई 16-Feb-2017

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के. शशिकला के विश्वासपात्र ई.पलनीस्वामी द्वारा गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्य में सत्ता को लेकर चल रहे संघर्ष का पटाक्षेप हो गया।सरकार गठन करने का न्योता देने के कुछ घंटों बाद राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने राजभवन में पलनीस्वामी और उनके मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।सबसे पहले पलनीस्वामी (63) ने तमिल भाषा में शपथ ली। उनके बाद उनके मंत्रिमंडल के 30 मंत्रियों ने शपथ ली। मुख्यमंत्री को 15 दिनों के अंदर विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा की बैठक हालांकि शनिवार को आहूत की गई है और शशिकला खेमे ने कहा है कि 234 सदस्यीय सदन में उसके पास कम से कम 117 विधायकों का समर्थन है। एक विधायक वी.एन.वीरूगई रवि ने आईएएनएस से कहा, "हमारे पास 125 विधायकों का समर्थन है और हम बहुमत साबित कर देंगे।"पलनीस्वामी ने अति महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय को अपने पास रखा है। ओ.पन्नीरसेल्वम की सरकार में भी यह मंत्रालय उन्हीं के पास था।पेशे से किसान पलनीस्वामी ने अपने पास लोक निर्माण, राजमार्ग एवं छोटे बंदरगाह विभाग भी अपने पास ही रखे हैं। पन्नीरसेल्वम की सरकार में ये विभाग भी उन्हीं के पास थे।

राजभवन ने एक बयान में कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सी. श्रीनिवासन तथा के.ए. सेनगोट्टैयन को वन मंत्रालय, स्कूली शिक्षा व खेल तथा युवा कल्याण मंत्रालय सौंपा गया है। दोनों ही मंत्रिमंडल के नए चेहरे हैं।पी.थंगमणि को विद्युत, मद्य निषेध व आबकारी मंत्रालय सौंपा गया है।अन्य मंत्रियों में के.राजू, एस.पी.वेलुमणि, डी.जयकुमार, सी.वी. शणमुगम, के.पी.अनबलगन, वी.सरोजा, एम.सी. संपत, के.सी. करुप्पनन, आर. कामराज, के.राधाकृष्णन, सी. विजय भास्कर, आर.दोराईक्कानू, कादंबर राजू, आर.बी.उदयकुमार, एन.नटराजन, के.सी.वीरमणि, के.टी.राजेंद्र भालाजी, पी.बेंजामिन, नीलोफर काफिल, एम.आर.विजयभास्कर, एम.मानिकंदन, वी.एम.राजलक्ष्मी, जी.भास्करण, एस.रामचंद्रण, एस.वालारमती, पी.बालकृष्ण रेड्डी शामिल हैं।कैबिनेट में पन्नीरसेल्वम तथा पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री के.पंडियाराजन को जगह नहीं दी गई है।पन्नीरसेल्वम ने पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।उन्होंने कहा कि लोग इस बात से नाराज हैं कि नई सरकार का गठन उन विधायकों के समर्थन से किया गया है, जिन्होंने खुद को यहां एक बीच रिसॉर्ट में कैद करके रखने के आरोप लगाए थे।पन्नीरसेल्वम खेमे के एक विधायक ने कहा है कि वे दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और शिकायत करेंगे कि एआईएडीएमके महासचिव का निर्वाचन एक चुनाव के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता करते हैं, जबकि शशिकला का निर्वाचन जनरल काउंसिल की एक बैठक में किया गया।शशिकला को पहले एआईएडीएमके का महासचिव और उसके बाद विधायक दल का नेता चुना गया, ताकि वह पन्नीरसेल्वम की जगह खुद मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल सकें।

लेकिन, पन्नीरसेल्वम ने शशिकला से बगावत कर दी, जिसके बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई।वहीं, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने कहा कि एआईएडीएमके के ई.के.पलनीस्वामी को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिए जाने से विधायकों की खरीद-फरोख्त होगी।मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नए मुख्यमंत्री के समर्थकों ने पन्नीरसेल्वम के घर पर पथराव किया।नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले पार्टी की महासचिव शशिकला ने निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें बेंगलुरू केंद्रीय कारा में बंद कर दिया गया।एआईडीएमके के शशिकला गुट के नेता ओ.एस.मानियन ने संवाददाताओं से कहा, "पन्नीरसेल्वम तथा स्कूली शिक्षा मंत्री के.पांडियाराजन को छोड़कर पन्नीरसेल्वम गुट में शामिल सभी विधायकों का हम स्वागत करते हैं।"सेलम जिले के नेदुनगुलाम गांव के निवासी पलनीस्वामी गौंडार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पलनीस्वामी 1980 में एआईएडीएमके में शामिल हुई थीं और पहली बार सन् 1989 में इडापडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। शशिकला को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराने के बाद पलनीस्वामी को विधायक दल का नेता चुना गया था।