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नरेंद्र मोदी के पास सीबीआई है, तो हमारे पास आरटीआई : मनीष सिसोदिया

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नई दिल्ली 10-Feb-2017

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल और अन्य सोशल मीडिया अभियानों पर खर्च की गई धनराशि के विवरण हासिल करने के लिए शुक्रवार को एक आरटीआई दाखिल की। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि चूंकि मोदी सरकार इसी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है, लिहाजा हम आरटीआई का सहारा ले रहे हैं।सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, "यदि मोदीजी के पास सीबीआई है, तो हमारे पास आरटीआई (सूचना का अधिकार)।"सिसोदिया ने यह आरटीआई ऐसे समय में दाखिल की है, जब 'टाक टू एके' सोशल मीडिया अभियान में कथित अनियमितता की जांच के लिए सीबीआई ने पिछले महीने उनके खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने डिप्टी का समर्थन करते हुए कहा कि सीबीआई को चाहिए कि वह मोदी की भी जांच करे।केजरीवाल ने कहा, "जिस तरह से प्रधानमंत्री कार्यालय ने डिजिटल विज्ञापनों के लिए ठेके दिए थे, उसी तरह मनीष (सिसोदिया) ने भी विज्ञापन दिए थे।"केजरीवाल ने ट्वीट किया, "चूंकि मोदीजी सीबीआई से मनीष की जांच करा रहे हैं, इसलिए सीबीआई को चाहिए कि वह उनकी (मोदी) भी जांच करे।"सिसोदिया ने आरटीआई के जरिए मेक इन इंडिया, नमो एप, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया के लिए सोशल मीडिया विज्ञापन के ठेके देने हेतु केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं के विवरण मांगे हैं।सिसोदिया ने पूछा है, "सोशल मीडिया में विज्ञापनों के लिए भुगतान क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाते हैं और इसकी एक क्रेडिट सीमा है। मोदी सरकार ने इन विज्ञापनों के लिए किस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया?

"उन्होंने दुनिया भर की उन कंपनियों और व्यक्तियों के विवरण भी मांगे हैं, जिन्हें विज्ञापनों के ठेके दिए गए।सिसोदिया ने पूछा है, "जब हम जनता के मुद्दों पर बात करते हैं, तो वह भ्रष्टाचार हो जाता है। जब वह (मोदी) बात (मन की बात) करते हैं तो यह राष्ट्रभक्ति है। ऐसा क्यों?"सिसोदिया ने कहा है कि यदि मोदी के पास दिल्ली सरकार की फाइलें जब्त करने के लिए सीबीआई है तो वह (सिसोदिया) प्रधानमंत्री कार्यालय की फाइलों तक पहुंचने के लिए आरटीआई का इस्तेमाल करेंगे।उन्होंने कहा, "हम दोनों फाइलें जनता के समक्ष रखेंगे और जनता तय करेगी कि कौन व्यक्ति जनता का पैसा सही काम के लिए इस्तेमाल कर रहा है और कौन इसका दुरुपयोग कर रहा है।"'टाक टू एके' अभियान केजरीवाल के साथ बातचीत करने का एक आयोजन था, जिसके तहत जनता सोशल मीडिया के जरिए केजरीवाल तक पहुंच सकती थी।