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जलालाबाद : छोटे बादल बनाम दो सांसद

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जलालाबाद (पंजाब) 01-Feb-2017

पाकिस्तान की सीमा से महज 12 किलोमीटर दूर और पश्चिमी पंजाब के दूरस्थ कोने में स्थित जलालाबाद विकास की दृष्टि से निश्चित रूप से राज्य के अन्य विकसित और समृद्ध हिस्सों के नजदीक भी नहीं आता है, लेकिन विधानसभा चुनाव ने इस बार इसे एक हाई प्रोफाइल क्षेत्र बना दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल और दो लोकसभा सदस्य आम आदमी पार्टी (आप) के संगरूर से सांसद भगवंत मान और कांग्रेस के लुधियाना से सांसद रणवीत सिंह बिट्ट यहां से चुनाव मैदान में हैं।बिट्ट पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पौत्र हैं। बेअंत सिंह की 1995 में चंडीगढ़ में कार बम विस्फोट में मौत हो गई थी।
सुखबीर बादल का क्षेत्र होने के नाते जलालाबाद पर पिछले पांच साल में काफी ध्यान दिया गया है और परियोजनाओं के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि दी गई है। लेकिन, केवल यह पंजाब के सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।अकाली दल प्रमुख के लिए यहां काफी कड़ा मुकाबला हो सकता है क्योंकि पंजाब के मालवा क्षेत्र ने आम आदमी पार्टी और हास्य अभिनेता से राजनीतिक नेता बने भगवंत सिंह मान के पक्ष में एक निश्चित रुझान दिखाया है।आप ने अपने सभी उम्मीदवरों में मान को सबसे मजबूत मानकर सुखबीर बादल के खिलाफ खड़ा किया है, जबकि कांग्रेस ने युवा नेता के रूप में देखे जाने वाले बिट्टू को उम्मीदवार बनाकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है।उधर, बादल, मान और बिट्ट की चुनौतियों से बिल्कुल परेशान नहीं दिख रहे हैं।
आश्वस्त सुखबीर बादल ने जोर देकर कहा, "मैं उन लोगों का यहां स्वागत करता हूं। वे लोग मौज मस्ती के लिए समय बिता रहे हैं। वे लोग अपनी जमानत राशि भी गंवाने जा रहे हैं।"लेकिन, मान भी रण छोड़ने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हम 11 मार्च (मतगणना के दिन) को बात करेंगे। बादल परिवार ने पंजाब के लोगों की कीमत पर एक साम्राज्य खड़ा किया है। लोग इस चुनाव में उन्हें झाड़ू (आप का चुनाव चिन्ह) से बुहार देंगे।"साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जलालाबाद क्षेत्र के 172,000 हजार मतदाताओं में 87 प्रतिशत ने मतदान किया था और सुखबीर बादल ने 50000 मतों के अंतर से चुनाव जीता था। कांग्रेस के बागी उम्मीदवार हंसराज जोसन दूसरे नम्बर रहे थे। वह यहां पहले विधायक रहे थे। कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार मलकित सिंह काफी मतों के अंतर से तीसरे स्थान पर रहे थे।ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 4 फरवरी को होने वाले चुनाव में जलालाबाद में केवल उम्मीदवारों का ही नहीं बल्कि पार्टियों का भी बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है।