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कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सरकारी युनिवर्सिटियों के लिए 100 प्रतिशत ग्रांट के सिद्धान्त पर सहमति जताई

सरकार बनाने के बाद किया जाएगा रूपरेखा पर काम

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पटियाला 01-Feb-2017

पंजाब कांगे्रस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बुधवार को सरकारी क्षेत्र की युनिवर्सिटियों के लिए 100 प्रतिशत ग्रांट जारी करने के सिद्धान्त सहित कालेज टीचरों एवं प्रोफैसरों की मुख्य मांगों पर सहमति जताई है, जिनकी रूपरेखा पर कांग्रेस सरकार बनने के बाद काम किया जाएगा।प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष ने सेव हायर एजुकेशन संस्था के बैनर तले उन्हें मिले, सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त कालेजों व युनिवर्सिटियों के टीचरों व प्रोफैसरों के एक शिष्टमंडल को यह भरोसा दिया। इस शिष्टमंडल का नेतृत्व संस्था के पटियाला सैंटर के कनवीनर डा. सुरजीत सिंह ने किया, जिनके साथ कई वरिष्ठ टीचर व प्रोफैसर थे। डा. सिंह पंजाब साहित अकादमी के महासचिव व केन्द्रीय लेखिक सभा के उपाध्यक्ष होने के अलावा, पंजाबी युनिवर्सिटी पटियाला के हैड हैं।कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि उनकी सरकार प्रोफैसरों व टीचरों की एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएगी, जिसमें वित्त विभाग से भी सदस्य होंगे और वह ऐसी ग्रांटों को जल्दी जारी करने के लिए आवश्यक रूपरेखाओं पर काम करेगी।

उन्होंने युनिवर्सिटियों की प्रशासनिक स्वतंत्रता को दोबारा कायम करने, ठेकेदारी सिस्टम की बजाय यू.जी.सी. के वेतन संबंधी नियमों के आधार पर पक्के तौर पर युनिवर्सिटी के टीचरों की भर्ती देने करने, युनिवर्सिटियों में होस्टल की सुविधाओं हेतु अलग से फंड जारी करने व फीसों और फंडों को रेगुलेट करने हेतु राज्यस्तरीय रेगुलेटरी अथॉरिटी स्थापित करने सहित इनकी अन्य मांगों पर भी हमदर्दीपूर्वक विचार करने का भरोसा दिया।कैप्टन अमरेन्द्र ने टीचरों की अन्य मांगों पर भी विचार करने का भरोसा दिया, जिनमें प्राइवेट व एडिड प्राइवेट कॉलेजों में टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए आसामियां बनाने, राज्य में 69 अनएडिड कालेजों के लिए ग्रांट-इन-एड स्कीम लाने व एडिड कालेजों में तीन सालों का तजुर्बा रखने वाले ठेके पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को रेगुलर करने के अलावा, सभी एडिड कालेजों में पैंशन स्कीम को लागू करना शामिल है।इस दौरान, सरकारी कालेजों के अध्यापकों द्वारा उठाए गए कुछ अन्य मुद्दों में, खाली पोस्टों को भरने, टीचर-स्टूडेंट का अनुपात बनाने, बतौर गैस्ट स्टाफ काम करने वाले टीचरों को रेगुलर करना भी रहे।