5 Dariya News

बादल को सिरोपा से इनकार करने वाले स्वर्ण मंदिर के भाई बलबीर सिंह 'अरदासिया' आप पार्टी में शामिल

बादल परिवार को गुरु ग्रंथ साहिब के अपवित्रीकरण और आरोपी को बचाने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया

5 Dariya News

चंडीगढ़ 27-Jan-2017

श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के भाई बलबीर सिंह (पूजारी) जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के अपवित्रीकरण के विरोध में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को सिरोपा पेश करने के लिए मना कर दिया था, आज  पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए।भाई बलबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने बादल के लिए 'सिरोपा' से इनकार कर दिया था क्योंकि वह गुरु ग्रंथ साहिब के जारी अपवित्रिकरण से बहुत परेशान हैं और उन्हें यह भी पता चला है कि बादल परिवार इस काम में शामिल लोगों के लिए वित्तीय मदद भी कर  रहा है। उन्होंने कहा कि इस पैमाने पर अपवित्रीकरण की घटनाऐं पार्टी की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं हो सकती। मेरा विरोध सरकार की अपवित्रीकरण के दोषी को गिरफ्तार करने की विफलता के खिलाफ था, उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा है कि वह गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान को बनाए रखने के लिए काम करेंगे और आम आदमी पार्टी ने अपने नेतृत्व में उन्हें पवित्र शास्त्र के अपवित्रीकरण के दोषी को दंडित करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हर सिख और जो भी गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का पालन करते हैं उन्हें अपवित्रीकरण की घटनाओं से दर्द महसूस हुआ है।

औपचारिक रूप से शामिल होने से पहले, भाई बलबीर सिंह ने लंबी से प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे जरनैल सिंह के लिए अपने समर्थन की घोषणा की थी।आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पंजाब इंचार्ज संजय सिंह और आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने पार्टी में भाई बलबीर सिंह का स्वागत किया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्रता को बनाए रखी जायेगी और अपवित्रीकरण के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सजा दी जाएगी। आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष भगवंत मान ने कहा है कि भाई बलबीर सिंह ने पूरे सिख समुदाय की भावनाओं का प्रतिनिधित्व किया है। आम आदमी पार्टी की संवाद समिति के अध्यक्ष कंवर संधू ने भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए भाई बलबीर सिंह का आभार व्यक्त किया।यह उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री 12 दिसंबर 2016 को स्वर्ण मंदिर दौरे पर भाई बलबीर सिंह ने सिरोपा पेश करने से इनकार कर दिया था। भाई बलबीर सिंह ने एसजीपीसी से पीडि़त होना पढ़ा था और उन्हें अमृतसर से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था।