5 Dariya News

अंहकारी राजा अमरेंदर को सबक सिखाना चाहते हैं लोग- सुखबीर सिह बादल

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चंडीगढ़ 26-Jan-2017

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा है कि दोआबा क्षेत्र में पंजाब कांग्रेस प्रधान महाराज अमरेंदर सिंह के फीके चुनाव प्रचार ने जता दिया है कि लोग अब इस अहंकारी राजा को सबक सिखाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमरेंदर ने पिछले पांच वर्षों में दोआबा क्षेत्र में एक बार भी लोगों को मिलना जरूरी नहीं समझा। अब यहां के लोग उन्हें मिलना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच में रहने वाले नेताओं और अमरेंदर जैसे टूरिस्टों में यही अंतर होता है। दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल की रैलियां देखिए। भारी बरसात और कड़ाके की सरदी के बावजूद लोग उन्हें सुनने के लिए आ रहे हैं। इसके ठीक विपरीत शाहकोट, नकोदर और करतारपुर में अमरेंदर के खिलाफ माहौल है। मगर अमरेंदर इसका दोष आयोजकों के सिर मढ़ रह हैं। अमरेंदर को ऐसा करने से पहले उन्हें अपनी करतूतों पर ध्यान देना चाहिए। लोगों को दूर रखने वालों के पास लोग आखिर कैसे आ सकते हैं। अमरेंदर को पंजाबियों को बताना पड़ेगा कि वह पांच साल तक हिमाचल प्रदेश में थे, लाहौर में थे या दुबई थे। लेकिन वह पंजाब में नहीं थे यह तो पक्का है। 

बादल ने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने करतारपुर का दौरा किया था। वहां उन्होंने अकाली प्रत्याशी सेठ सत्यपाल की एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। जबकि करतारपुर में आयोजित कांग्रेस की रैली में खाली कुर्सियों ने अमरेंदर का स्वागत किया। जो आए वह भी कुछ देर बाद निकल लिए। इन लोगों का कहना था कि उन्हें दो घंटे के लिए भाड़े पर लाया गया था। बादल ने कहा कि ऐसा लगता है कि दलित समुदाय ने अमरेंदर का बायकॉट करने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि दलितों को अहसास हो गया है कि अमरेंदर ने अपने कार्यकाल में उनके लिए जारी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया था। जबकि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 1996 में उनके लिए बुढ़ापा पैंशन और शगुन स्कीम की शुरूआत की। फिर 2007 में उनके लिए आटा दाल स्कीम शुरू की। यहां तक कि इस बार गठबंधन ने नीला कार्ड धारकों को दस रूपये किलो की दर से पांच किलो चीनी और 25 रुपये किलो की दर घी देने का एैलान किया है। बादल ने कहा कि आज हालत यह है कि दलित अमरेंदर का बॉयकॉट कर रहे हैं और अकाली भाजपा गठबंधन में यकीन। क्योंकि दलित जानते हैं कि गठबंधन ने जो भी वादा किया उसे पूरा किया है। जबकि अमरेंदर ने जो वादा किया उसे पूरा भी नहीं किया। यहां तक कि उनके लिए जारी स्कीमों को भी बंद कर दिया।