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डेरे की जमीन को पट्टे पर लेने वालों को नहीं हटाने दूंगा, हर कीमत पर उनके हितों की रक्षा करूंगा : कैप्टन अमरेन्द्र सिंह

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पटियाला 26-Jan-2017

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पैप्सू की डेरों संबंधी संपत्तियों को पट्टे पर लेने वालों को भरोसा दिया है कि वह उन्हें उनकी जमीन से नहीं हटाए जाने देंगे, और राज्य की अगली कांगे्रस सरकार उनकी पूरी तरह रक्षा करेगी। इस संबंध में उन्होंने यह भी कहा कि वह जरूरत पडऩे पर एक कानून भी लेकर आएंगे।कैप्टन अमरेन्द्र ने मामले को उचित चिंता का विषय बताते हुए, कहा कि ऐसी संपत्तियों के संदर्भ मेंं उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर पेश आ रही समस्या का शांतिमय व पक्का हल निकाला जाएगा।प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष ने डेरों के महंतों को भरोसे में लेकर हल निकालने का वायदा करते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि पट्टे पर जमीन लेने वालों को उनके घरों से न वंचित किया जाए, जिनकी कोई गलती नहीं है। उन्होंने भरोसा दिया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद उनके लिए डरने की कोई बात नहीं होगी।बीते समय में पंजाब के पैप्सू क्षेत्र में राजा जमीन को संतों व महंतों को डेरों के लिए दान दे दिया करते थे, जिन्होंने बाद में डेरों के संचालन हेतु फंड इकट्ठे करने के लिए उक्त जगह आम लोगों को पट्टे पर दे दी थी। हालांकि, पंजाब सरकार द्वारा 1980 में धर्म अर्थ बोर्ड का निर्माण करके डेरों को पट्टे पर जमीन देने पर रोक लगा दी थी।
वीरवार को यहां जारी बयान में कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा सभी डेरों को दी जमीनों के पट्टे अमान्य करार देने से, 1980 से जमीन को पट्टे पर लेने वाले बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस क्रम में हाइकोर्ट के फैसले के बाद पट्टे पर ली अपनी जमीनों को विकसित करने वाले और यहां तक कि बीते 60-70 साल में उन पर मकान व फैक्टरियां बना चुके लोगों में भय फैला हुआ है, जिसने उन्हें पट्टे वाली जमीन से वंचित किए जाने का खतरा पैदा कर दिया है।हालांकि, उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महंत सुप्रीम कोर्ट गए हैं और सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में स्थगनादेश दे दिए हैं, लेकिन अंतिम आदेश आना अभी भी बाकी है और इसके संभावित नतीजे को लेकर पट्टे पर जमीन लेने वालों में डर बढ़ता जा रहा है।
पट्टे पर जमीन लेने वाले लोग लगातार हाइकोर्ट के फैसले को कायम रखने और उन्हें लीज से संबंधित अधिकारों से वंचित करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आने की आशंका में जी रहे हैं।इस क्रम में, कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पटियाला में 60 प्रतिशत लोग पट्टे पर दी गई जमीन पर रहते हैं और इस मुद्दे ने एक क्षेत्र की आबादी के बड़े वर्ग की जिंदगियों के तबाह होने का खतरा पैदा कर दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रभावित लोगों के घरों व बिजनेसों को बचाने हेतु उन्हें राज्य सरकार से हर मुमकिन कानूनी सहायता मिलनी चाहिए।कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पट्टे वाली जमीन पर लोग दशकों से बसे हुए हैं व राज्य सरकार का फर्ज बनता है कि वह उनके हितों की रक्षा करे। इस दिशा में, राज्य में उनकी सरकार आने के बाद वह विशेष कानून लाने सहित हर कानूनी उपाय के जरिए निश्चित तौर पर उनके हितों की रक्षा करेंगे।