5 Dariya News

बॉलीवुड में मुकाम के लिए हिंदी गीतों पर पकड़ जरूरी : प्रीत हरपाल

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नई दिल्ली 24-Jan-2017

पंजाबी गायक प्रीत हरपाल ने केवल पंजाबी संगीत जगत में ही नहीं, बल्कि फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू चलाया है। 'यार बेरोजगार', 'ब्लैक सूट' जैसे कई सफल पंजाबी गीतों से लोगों को दीवाना बनाने वाले प्रीत अपने नए अल्बम 'केस : द टाइम कंटिन्यूस' के साथ एक बार लोगों को मदहोश कर रहे हैं। प्रीत के अल्बम 'केस : द टाइम कंटिन्यूस' को टी-सीरीज ने नवंबर को लांच किया था। इस अल्बम में नौ गीत हैं, जो एक-एक कर रिलीज किए जा रहे हैं। इसका पहले गाने केस को लोगों ने काफी पसंद किया है। इसके अलावा अल्बम में 'नकलन' और 'पेग' शीर्षक के गीत भी शामिल हैं। अपने इस अल्बम के बारे में प्रीत ने बताया, "इस अल्बम की खासियत है कि इसमें अलग-अलग संगीत निर्देशकों की जुगलबंदी है। हमने इस अल्बम के संगीत पर ही नहीं, वीडियो पर भी काफी काम किया है। मेरे पहले गाने केस और दूसरे नकलन को लोगों ने काफी पसंद किया है। यह पश्चिमी संगीत और ढोल का मिश्रण है। दो जनवरी को रिलीज हुआ अल्बम का तीसरा गाना पेग भी लोगों की जुबान पर चढ़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि धीरे-धीरे रिलीज होने वाले मेरे बाकी गीतों को भी लोग पसंद करेंगे।"सुरीली आवाज के साथ ही प्रीत का आकर्षक व्यक्तित्व भी उनके प्रशंसकों को खासा लुभाता है, इसीलिए गायिकी के साथ ही उनकी अभिनय क्षेत्र में भी काफी मांग है। गायिकी और अभिनय के तालमेल पर प्रीत ने आईएएनएस को बताया, "गायिकी मेरा पहली प्राथमिकता है। मैंने 1999 में हसले वैरने हसले एल्बम के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। मेरा करियर संगीत के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि मैंने अभिनय के क्षेत्र में 2012 में कदम रखा। मुझे अभिनय पसंद है लेकिन गायिकी मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।"
प्रीत को संगीत के क्षेत्र में लगभग 17 साल बीत चुके हैं और इन सालों में प्रीत ने प्रशंसकों खासतौर पर पंजाबी श्रोताओं के बीच अपनी काफी गहरी पैठ बनाई है। उन्होंने 1999 में 'हसले वैरने हसले' के बाद 2001 में 'बेगाने तान बेगाने हुंडे', 2002 में 'मुंडे सरदारन', 2006 में 'तेरी अदावां', 2008 में सफर, 2009 में 'लॉक अप', 2010 में 'वे माही', 2011 में 'सैटर्डे नाइट्स', 2013 में 'बिजली', 2014 में 'मेला', 'सरदारी' और 'गुडबॉय' जैसे कई गीत दिए। अपने अब तक के सफर को कैसे देखते हैं इस पर प्रीत का कहना था, "संगीत की दुनिया में मेरा अब तक का सफर बहुत ही अच्छा रहा है। मुझे इस उद्योग में काफी साल हो चुके हैं और इन सालों में मैंने काफी काम भी किया। मैंने इस दौरान अपने काम में विविधता को शामिल किया, जिससे मेरे काम और मेरी गायिकी में निखार आया। मेरी इसी तरह काम करने और आगे बढ़ने की कोशिश जारी रहेगी।" प्रीत ने केवल गायिकी में नहीं, बल्कि अभिनय में भी अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया है। वह 2015 में आई फिल्म 'माइसेल्फ पेंदू', 2014 की फिल्म 'नखरे दा गूगल', 'अनु-मनु', 2013 में 'डोंट वरी यारा' और 2012 में आई फिल्म 'सिरफिरे' में काम कर चुके हैं। 'सिरफिरे' में प्रीत के साथ गायक रौशन प्रिंस, बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी व बॉलीवुड अभिनेता प्रियांशु चटर्जी और पंजाबी अभिनेत्री गुरलीन चोपड़ा भी नजर आई थीं। प्रीत से जब पूछा गया कि बॉलीवुड में आने की कोई योजना है तो उन्होंने कहा, "जी बिलकुल। मैं बॉलीवुड के गानों को भी गाना चाहता हूं और फिल्मों में भी काम करना चाहता हूं। इसके लिए हालांकि हिंदी में गाने की जरूरत है, जिस पर मुझे अभी थोड़ा और काम करने की जरूरत है। हिंदी में गाने के सवाल पर प्रीत कहते हैं, "मैं एक हिंदी गाने पर काम कर रहा हूं, जिसका संगीत कुंवर विर्क ने दिया है, अभी इसके वीडियो पर काम हो रहा है। मेरी कोशिश है कि मैं ऐसे गीतों को आवाज दूं, जो हिंदी श्रोताओं को पसंद आएं। पंजाबी गीतों ने मुझे काफी प्रसिद्धि दिलाई है और मेरी उम्मीद है कि हिंदी गीतों को लोग उतना ही पसंद करें जितना उन्होंने मेरे पंजाबी गीतों को किया है।"