5 Dariya News

आम आदमी पार्टी ने शिरोमणी अकाली दल के चुनाव घोषणा-पत्र को विगत चुनावों के पूरे न हुए वायदों का बेढंगा ‘रीमाईण्डर’ बताया

किसानों, युवाओं व महिलाओं के साथ किए गए वायदे झूठों का पुलन्दाः भगवन्त मान

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चण्डीगढ़ 24-Jan-2017

आम आदमी पार्टी (आप) ने शिरोमणी अकाली दल के चुनाव घोषणा-पत्र (मैनीफैस्टो) को ‘झूठों का पुलन्दा’ बताते हुए उसे वर्ष 2007 एवं 2012 के विगत चुनावों के दौरान पूरे न किए गए वायदों का ‘बेढंगा रीमाईण्डर’ करार दिया है।आम आदमी पार्टी की चुनाव-प्रचार समिति के अध्यक्ष भगवन्त मान ने यहां जारी किए गए एक ब्यान में कहा कि सुखबीर बादल तो पहले ही शिरोमणी अकाली के अध्यक्ष के स्थान पर एक ‘गप्पी’ के तौर पर अधिक प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल के झूठ समय-समय पर सामने लाए जाते रहे हैं तथा वह अभी यही समझता है कि वह अपने जाली वायदों से ‘आम जनता को मूर्ख बना लेगा।’मान ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल द्वारा वर्ष 2007 एवं 2012 में बनाई गई सरकार को पांच-पांच वर्ष के दो कार्यकाल मिले थे तथा उनमें वह अपने वायदे बहुत आसानी से पूरे कर सकती थी। इस गठजोड़ सरकार ने राज्य की अर्थ-व्यवस्था को बर्बाद कर के रख दिया है तथा राज्य को दीवालिया एवं लोगों को भिखारी बना दिया है।उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल ने हिसे तथा-कथित तौर पर ‘दूर-दृष्टि से भरपूर दस्तावेज़’ बताया है, उसमें यह कहीं नहीं बताया गया है कि किसानों, दलितों, युवाओं एवं महिलाओं के साथ किए गए वायदे पूरे कैसे किए जाएंगे। किसानों के ऋण माफ़ करने की बात करने से पूर्व सुखबीर बादल को पहले यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि आख़िर शिरोमणी अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ के 10 वर्षों के शासन के दौरान 30 हज़ार किसानों ने आत्महत्याएं क्यों की थीं। किसानों की फ़सलें कभी भी समय पर ख़रीदी नहीं गईं तथा उन्हें आढ़तियों एवं निजी डीलरों के सहारे छोड़ा जाता रहा है। किसानों को अपने जीवनों का अन्त करने की कोई आवश्यकता ही नहीं हो सकती थी; यदि कहीं सुखबीर बादल ने ऋण-माफ़ी व उनकी फ़सलों की अच्छी कीमत दिलाने के पिछले वायदे पूरे किए होते।

मान ने कहा कि सुखबीर बादल ने 2007 एवं 2012 के अपने चुनाव घोषणा-पत्रों में 10 लाख युवाओं को नौकरियां देने के वायदे किए थे। यदि कहीं वह वायदा पूरा किया गया होता, तो अब राज्य में कोई व्यक्ति बेरोज़गार न होता परन्तु इस ओर तो कोई कार्य किया ही नहीं गया। पंजाब के उद्योग या तो अन्य राज्यों में हस्तांत्रित हो गए या वे बन्द हो गए, रिक्त पड़े पदों हेतु सरकारी भरतियां सदा घोटालों की शिकार होती रहीं तथा योग्य युवाओं को तो कभी एक बार भी नौकरी नहीं दी गई। परन्तु उसके स्थान पर आऊटसोर्सिंग नौकरियों एवं कार्यों द्वारा अकाली एवं भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों को अवश्य पिछले दरवाज़े से भर्ती किया जाता रहा है। अकाली-भाजपा सरकार से पूर्व बेरोज़गार युवाओं को कभी न तो आत्मदाह करने पड़ते थे तथा न ही नौकरियां मांगने हेतु कभी उन्हें पानी की टंकियों पर चढ़ कर रोष प्रदर्शन करने पड़ते थे।मान ने कहा कि वर्ष 2012 के चुनावों के दौरान सुखबीर बादल ने सभी विद्यार्थियों को लैपटॉप्स देने का वायदा किया था। उसने युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता देने की बात की थी। दिलचस्प बात यह है कि यह दोनों वायदे अब शिरोमणी अकाली दल के वर्तमान चुनाव घोषणा-पत्र से ग़ायब हैं तथा वे वायदे कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी घोषणा-पत्र में सम्मिलित हैं। ‘‘इसी लिए तो मैंने सदा यही कहा है कि शिरोमणी अकाली दल व कांग्रेस दोनों एक-दूसरे के विकल्प बन कर चल रहे हैं परन्तु वे अब लोगों के लिए कोई विकल्प नहीं रह गए हैं। उनके स्थान पर आम आदमी पार्टी अब पंजाब की जनता को अपना विकल्प प्रदान करेगी।’’

मान ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान कल्याण पैनशनों व शगुन स्कीम के पैसे लाभार्थियों को कभी समय पर नहीं दिए गए तथा बहुत सारे मामलों में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को लाभार्थियों हेतु ऐसे भुगतान सुनिश्चित करने के लिए दख़ल देने पड़े थे। हाल ही में उच्च न्यायालय ने पैनशनरों के 300 करोड़ रुपए के बकाए दिलाने हेतु सरकारी खाता फ्ऱीज़ किया था। उन्होंने बादलों को स्मरण करवाया कि छठे वेतन आयोग के बकाये कर्मचारियों को पांच वर्षों के पश्चात् दिए गए थे। पंजाब में वृद्धों, विधवाओं एवं विकलांगों को 9 वर्षों तक केवल 250 रुपए प्रति माह पैनशन मिलती रही थी, जो कि देश में सब से कम थी।मान ने कहा कि ग़रीबों हेतु आटा-दाल योजना एक बड़ा विनाश था तथा राज्य के बजट में उस योजना हेतु कोई फ़ण्ड नहीं रखे गए थे। उस योजना हेतु जो धन कार्पोरशनों से ऋण के तौर पर लिया गया था, वह कभी वापिस ही नहीं किया गया। जिस ‘पनसप’ ने 40 करोड़ रुपए का ऋण दिया था, वह दीवालिया हो गया। यह योजना एक वर्ष तक स्थगित रखी गई थी तथा चुनावों के कारण हाल ही में पुनः प्रारंभ की गई थी। उन्होंने कहा कि ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवारों को अपमानित किया गया था तथा उन्हें ग़रीबी रेखा से नीचे ही रहने हेतु विवश किया गया; क्योंकि उन्हें सशक्त बनाने हेतु कोई कदम उठाए ही नहीं गए थे।

मान ने आगे कहा कि किसी समय लघु उद्योगों को पंजाब के विकास हेतु रीढ़ की हड्डी माना जाता था परन्तु शिरोमणी अकाली दल-भाजपा गठजोड़ के विगत 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान ऐसे सभी उद्योग बन्द हो कर रह गए तथा अब यदि कोई उनसे आगामी पांच वर्षों के दौरान किन्हीं चमत्कारों की आशा रखेगा, तो यह मूर्खता ही होगी।आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि सतलुज-यमुना संपर्क नहर का मुद्दा वास्तव में शिरोमणी अकाली दल व कांग्रेस की उपज था तथा उन दोनों ही पार्टियों ने कभी इस अंतर्राजीय मुद्दे को वास्तव में हल करवाने में कोई दिलचस्पी कभी नहीं दिखाई। जब तक इन पार्टियों को पंजाब से बाहर का रस्ता नहीं दिखाया जाता, तब तक सतलुज-यमुना संपर्क नहर का मुद्दा कभी हल नहीं हो सकता।मान ने कहा कि सुखबीर बादल ने चण्डीगढ़-अमृतसर वाया फगवाड़ा एक्सप्रैस हाईवे का निर्माण चरणबद्ध ढंग से करवाने का वायदा किया था। उसके लिए अनेक सर्वेक्षण किए गए तथा प्रस्तुतियां दी गईं तथा ऐसे बहुत सा धन बर्बाद किया गया। उसने लुधियाना व मोहाली में मैट्रो रेल प्रारंभ करने की घोषणा की थी, प्रत्येक गांव में स्टेडियम बनवाने, पानी की बसें चलाने, औद्योगिक केन्द्र स्थापित करने तथा और पता नहीं कौन-कौन से वायदे किए थे। वह सभी वायदे ‘गप’ निकले।