5 Dariya News

तमिलनाडु में जल्लीकट्ट आयोजित, 2 लोगों की मौत

5 Dariya News

चेन्नई 22-Jan-2017

तमिलनाडु का लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस खेल में दो लोगों की मौत हो गई है। इस खेल में सांडों को काबू किया जाता है। यह खेल पुडुकोट्टई, त्रिची और ईरोड जिलों में आयोजित किया गया, जबकि कोयंबटूर में बैलगाड़ी दौड़ आयोजित की गई।पुलिस ने कहा कि पुडुकोट्टई में बैलों को काबू करने की होड़ में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई।इस खेल में युवा लोगों को सांडों के कूबड़ पकड़ कर उन्हें काबू में करना होता है। जो व्यक्ति सांड के तीन छलांग लगाने के बाद भी कूबड़ को पकड़े रह जाता है, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है।यह आयोजन विद्यार्थियों और युवाओं द्वारा सप्ताह भर से जारी आंदोलन के बाद आयोजित किया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए पशु क्रूरता निवारक अधिनियम में संशोधन कर एक अध्यादेश जारी किया। यह इस खेल पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था।मदुरै के अलांगानाल्लुर में यह खेल आयोजित नहीं किया जा सका। आयोजनकर्ताओं ने कहा कि वहां इस खेल को लेकर तैयारी पूरी नहीं हुई थी, इसलिए इसका आयोजन नहीं हो पाया।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था कि वह मदुरै में जल्लीकट्ट का आयोजन करेंगे।राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश जारी करने के बाद पन्नीरसेल्वम ने यह घोषणा की थी।डिंडीगुल जिले में नाथम कोविलपट्टी में यह खेल आयोजित करने की कोशिश सफल नहीं हुई।
पन्नीरसेल्वम यहां खेल को हरी झंडी दिखाना चाहते थे, लेकिन लोगों ने इसका विरोध किया।मदुरै से चेन्नई लौटते समय रास्ते में मुख्यमंत्री ने कहा, "जल्लीकट्ट राज्य में विभिन्न स्थानों पर उचित तैयारी के साथ आयोजित किया जा रहा है। अलंगनल्लूर में यह तब आयोजित किया जाएगा, जब वहां के लोग चाहेंगे।"उन्होंने कहा, "जल्लीकट्ट को कोई रोक नहीं सकता।"पन्नीरसेल्वम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्लीकट्टू आयोजित करने में राज्य सरकार की मदद करने का वादा किया है।सरकार जल्लीकट्ट के आयोजन के लिए सोमवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश करेगी। उम्मीद है कि यह बहुमत के साथ पारित हो जाएगा।
वहीं, इस मुद्दे को लेकर चेन्नई के मरीना बीच में रविवार को सातवें दिन भी युवाओं का बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी है। यह विरोध प्रदर्शन 17 जनवरी की सुबह कुछ मुट्ठीभर लोगों ने शुरू किया था, जिसमें आज लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं।डीएमके नेता एम.के. स्टालिन ने पन्नीरसेल्वम से आग्रह किया कि वह प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताएं जिससे जल्लीकट्ट के आयोजन में अब कोई कानूनी पेंच नहीं आएगा।तमिल समूह, पसुमई त्यागम के सचिव आर. अरुल ने रविवार को आईएएनएस से कहा, "केंद्र सरकार को केवल पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में उल्लिखित पशुओं की सूची में से सांड का नाम हटाना है। क्या यह अधिसूचना जारी करना इतना बड़ा मुद्दा है?"