5 Dariya News

राष्ट्रपति भवन पर 11 पुस्तकों की श्रृंखला प्रकाशित

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नई दिल्ली 21-Jan-2017

कला, संस्कृति एवं देश की विरासत पर सार्वजनिक ऑनलाइन संसाधन 'सहपीडिया' की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन पर 11 चित्रमय एवं रोचक पुस्तकों की श्रृंखला प्रकाशित की गई है। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, व्यापक शोध पर आधारित और भरपूर जानकारियों एवं मनमोहक तस्वीरों से भरपूर इन पुस्तकों में भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास की कहानी बयां की गई है। 340 कमरों वाला यह ऐतिहासिक भवन महान ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियन द्वारा तैयार आधुनिक समय की सबसे बड़ी वास्तु परियोजनाओं में से एक है।
बयान के अनुसार, पुस्तक के इन खंडों के प्रकाशन का उद्देश्य राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक, वास्तु और सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित सभी तथ्यों को सामने लाना है। सहपीडिया ने तीन वर्ष से अधिक की अवधि के दौरान इन सभी पहलुओं को सिलसिलेवार ढंग से पेश किया है। कई खंडों वाली इस दस्तावेजी परियोजना को राष्ट्रपति सचिवालय ने सहपीडिया और देश के प्रमुख सांस्कृतिक निकाय - इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से पूरा किया है।
राष्ट्रपति भवन श्रृंखला के एक खंड 'द राइट ऑफ द लाइन: द प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड' में राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का शानदार चित्र प्रस्तुत किया गया है। यह दल भारतीय सेना का सबसे पुराना रेजिमेंट है।राष्ट्रपति की लोगों के मन में पैठ बनाने वाली सबसे स्थायी और शानदार छवियां गणतंत्र दिवस परेड के दौरान की होती है, जब राष्ट्रपति के सभी अंगरक्षक राजसी औपचारिक पोशाक और चमचमाते हथियारों से लैस होकर परेड में शामिल होते हैं।बयान में कहा गया है कि पुस्तकों की इस श्रृंखला में एक पुस्तक राष्ट्रपति भवन की वास्तुकला और परिदृश्य के बारे में बात करती है, तो दूसरी पुस्तक कला और इंटीरियर के भव्य औपनिवेशिक इमारत की पड़ताल करती है। जबकि 'फस्र्ट गार्डेन ऑफ द रिपब्लिक' में राष्ट्रपति भवन के भव्य मैदान और उद्यान के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
इसके अलावा, उसमें राष्ट्रपति भवन में भोजन और मनोरंजन की सुविधाओं का भी विस्तार से जिक्र किया गया है। पुस्तकों के इस श्रृंखला के अंतिम खंड में 'राष्ट्रपति भवन में लाइफ' की पड़ताल की गई है। इनमें लिखित सामग्री के साथ आकर्षक चित्रों और तस्वीरों को भी जगह दी गई है। इससे संबंधित जानकारी अभिलेखीय अनुसंधान के द्वारा सहायता प्राप्त सभी प्राथमिक स्रोतों से ली गई है।प्रख्यात शोधकर्ताओं की मदद से विभिन्न खंडों को एक साथ लाने में मदद करने वाले सहपीडिया की परियोजना प्रबंधक, यशस्विनी चंद्रा ने कहा, "गहन अनुसंधान और अच्छे चित्रों पर आधारित इन पुस्तकों पर भारत और विदेशों के शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने काफी गहनता से काम किया है। यह एक बहुत बड़ा काम था और हम इसके परिणामों से बहुत खुश हैं।"
परियोजना के तहत दो अतिरिक्त खंडों में राष्ट्रपति भवन में परफार्मिग आर्ट को शामिल किया गया है और दो पुस्तक बच्चों के लिए है।प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित सभी पुस्तक प्रिंट में उपलब्ध हैं। इसी साल, बाद में, श्रृंखला पर आधारित मल्टीमीडिया संस्करणों को सहपीडिया की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा।सहपीडिया की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुधा गोपालकृष्णन ने कहा कि सहपीडिया कला, संस्कृति और विरासत के लिए एक ऑनलाइन मल्टीमीडिया ज्ञान संसाधन है। इसकी साइट पर एक इमेज गैलरी और श्रव्य दृश्य सामग्री उपलब्ध है।भारत के राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की संस्थापक-निदेशक डॉ. गोपालकृष्णन ने अप्रैल 2016 में सहपीडिया को शुरू किया। सहपीडिया का नेतृत्व एस. रामादोरई कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी के प्रमुख हैं।