5 Dariya News

इनेलो कार्यकर्ता नहर खोदने के लिए रहे तैयार: अभय चौटाला

कांग्रेस और भाजपा की सोच किसान व प्रदेश विरोधी है : नेता प्रतिपक्ष

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सोनीपत, पानीपत 19-Jan-2017

23 फरवरी तक भाजपा सरकार सर्वोच्च न्यायलय के आदेश अनुसार अगर एसवाईएल नहर का निर्माण नही कराती तो इनेलो कार्यकर्ता 23 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित गांव इस्माईलपुर में पहुंचकर अपने हाथों से नहर खोदने का काम करेंगे। ये बात नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने गुरूवार को सोनीपत व पानीपत में इनेलों कार्यकर्ता सम्मेलन में कही। सोनीपत के सम्मेलन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पदम सिंह दहिया ने की। अभय चौटाला ने कहा कि किसान के हितों की रक्षा करने का दावा करने वाली भाजपा व कांग्रेस सरकार में स्वामीनाथन रिपोर्ट का लागू न होना, दोनों दलो की किसान व प्रदेश विरोधी सोच को दर्शाता है। ये रिपोर्ट तो लागू करना बीजेपी सरकार के घोषणा पत्र में भी था। लेकिन इसको लागू करने में सरकार असमर्थ रही। पानीपत के  सम्मेलन को प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी संबोधित किया।इनेलो नेताओं ने कहा कि फसल बीमा योजना भी किसानों के साथ धोखा है। इस योजना के अन्तर्गत अपनी चहेती प्राइवेट बीमा कंपनियों के खातों में 300 करोड़ रूपया किसानों के खातों में से निकाल डाल दिया गया और इससे भी आगे किसानों की फसलों को मण्डियों में नमी के नाम पर लूटा गया। किसान को 1300 रुपए एसएसपी वाला बाजरा नमी के नाम पर 1100 रूपए प्रति क्विंटल बेचने पर मजबूर कर दिया गया। तीन साल में मात्र 10 रूपए क्विटलं बढाकर गन्ना उगाने वाले किसानों के साथ धोखा किया गया। पापुलर की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया। अब प्रदेश के मुख्यमन्त्री एसवाईएल नहर पर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। जबकि सर्वोच्च न्यायलय में एसवाईएल नहर को लेकर कोई मामला लम्बित नहीं है।

इनेलो नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करते हुए घोषणा पत्र को अपने हाथ में लेकर जिसमें यहां तक कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर हरियाणा सहित किसी भी अन्य राज्य को एक बूंद भी पानी नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरजेवाला के इस कदम से न सिर्फ उनका हरियाणा विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है बल्कि हरियाणा को एसवाईएल के पानी से वंचित करने वाले कांग्रेसी नेताओं में वे भी शामिल हैं और इससे कांग्रेस पार्टी की हरियाणा विरोधी सोच भी उजागर हो गई है। इनेलो नेता ने कहा कि सुरजेवाला बताएं कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को जो घोषणा पत्र जारी किया था उसमें यह बात प्रमुखता से कही गई है कि नहीं कि पंजाब का एक बूंद पानी भी हरियाणा सहित किसी भी अन्य राज्य को नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक को न सिर्फ प्रदेश छोड़ देना चाहिए बल्कि विधानसभा से त्याग पत्र देकर प्रदेशवासियों से किए गए धोखे के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।इनेलो नेताओं ने कहा कि 23 फरवरी को इनेलो नहर खोदने के साथ साथ बीजेपी और कांग्रेस पार्टी को जड़ों को उखाडऩे का भी काम करेगी। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आने के बावजूद अभी तक नहर का निर्माण न होना न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस व भाजपा इस मुद्दे पर गम्भीर नहीं है और केवल एसवाईएल पर राजनीति कर रही है। इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश व देश में दस साल तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन एसवाईएल निर्माण के बारे में कोई कदम उठाने की बजाए चुप्पी साधे रखी। अब अढ़ाई साल से केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन नहर निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। अब भी कांग्रेस व भाजपा के नेता एसवाईएल पर दोहरी भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने सीएम को कमजोर बताते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं ले सकता, उसे कमजोर नहीं तो क्या कहा जाए। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा पानी पर पंजाब का हक जताने बारे इनेलो नेताओं ने कहा कि यदि हरियाणा में इनेलो की सरकार होती तो दिल्ली का पानी बंद कर दिया जाता, लेकिन प्रदेश में कमजोर मुख्यमंत्री है, जो हरियाणा के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे। मंच का सचालनं हल्काध्यक्ष सुरेन्द्र छिक्कारा ने किया। इस मौके पर छतहेरा गांव के पंचायत मैबर रामेश्वर अपने दर्जनों सथियों सहित कांग्रेस पार्टी को छोडक़र इनेलो पार्टी में शामिल हुए।

सोनीपत के  सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता डा0 केसी बांगड, पिछडा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष तेलूराम जोगी, ब्रिग. ओपी चौधरी, पूर्व मन्त्री वेदसिंह मलिक, सुरेन्द्र सिंह दहिया, पूर्व विधायक रमेश खटक, रामकुवांर सैनी, कुलदीप मलिक, कुणाल गहलावत, फूलकवांर चौहान, रणबीर दहिया, प्रेमिला मलिक, अनिता खाण्डा, निर्मल चौधरी, रामकिशन तुषीर, सुरेश त्यागी, अजमर मलिक, बलजीत मलिक, अशोक राणा, संजय मलिक, सन्दीप ठरू, हरिप्रकाश मण्डल, ठाकुरदास मक्कड, जिलेसिंह दहिया, भयराज दहिया, बीरभान मलिक, डा भगत, रामकुवांर सैनी, ओमप्रकाश गोयल, राजेन्द्र मलिक, राजू धानक, मुकेश बागडी, शियानन्द त्यागी, जितेन्द्र वर्मा, प्रदीप बडवासनी, मोनू शर्मा, साबर मलिक, रामचन्द्र मलिक, ओमप्रकाश मुखी भी मौजूद थे। पानीपत के सम्मेलन में अन्य नेताओं के अलावा पूर्व स्पीकर सतबीर कादियान, फूलपति, जिलाध्यक्ष शुगनचन्द रोड, ओपी माटा, शेर सिंह खर्ब एडवोकेट, देवेन्द्र कादियान, निशान सिंह, यशपाल ढांडा, हरलाल मलिक, कृष्ण अहलावत, सूबेदार प्रताप सिंह, कुलदीप राठी, सुरेश काला, बलवान वालमिकी, नरेश जैन, रामनिवास पटवारी, सुलतान जौरासी, बिजेन्द्र कादियान, राजसुताना, राज सुताना, प्रेमलता छौक्कर, कृष्ण, प्रवीण डिमाणा, सुरेश करहंस भी मौजूद थे।