5 Dariya News

संत निरंकारी मिशन द्वारा भक्ति पर्व समागम संपन्न

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चण्डीगढ 16-Jan-2017

सन्त निरंकारी मिशन की ओर से समालखा तथा गन्नौर के बीच जी.टी. रोड स्थित निरंकारी आध्यात्मिक परिसर के विशाल मैदानों में भक्ति पर्व मनाया गया। हर वर्ष मनाया जाने वाला यह समागम पहली बार सद्गुरू  माता सविन्दर हरदेव जी महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।चण्डीगढ ब्रांच के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह जी ने बताया कि समागम में न केवल हरियाणा के कोने-कोने से बल्कि चण्डीगढ, पंचकुला, मोहाली व दिल्ली, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों से भी हजारों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया। सत्संग कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं तथा गीतकारों ने शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, बाबा गुरबचन सिंह जी, बाबा हरदेव सिंह जी महाराज तथा निरंकारी राजमाता जी तथा अनेक गुरु भक्तों का उल्लेख किया तथा उनके जीवन से जो शिक्षाएं आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं, उनकी चर्चा की।

समागम को सम्बोधित करते हुए सद्गुरू   माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने फऱमाया कि भक्त सद्गुरू   के आदेश को ज्यों का त्यों मानता है, उसमें कोई किन्तु परन्तु नहीं लगाता। भाई साहिब सन्तोख सिंह का उदाहरण देते हुए सद्गुरू   माता जी ने कहा कि जब उन्हें सरोवर पर रहने के लिए कहा गया तो परिवार वालों ने कहा कि उधर तो घना जंगल है, सांप भी बहुत हैं और हर बार बरसात के दिनों में बाढ़ भी आती है। आप शहनशाह जी से दुबारा बात कर लें, तो भाई साहिब ने कहा कि ये तो मेरे गुरु का हुकुम है, हम सब ने उधर ही जाकर रहना है।सद्गुरू   माता जी ने कहा कि भक्त दुनिया के किसी भी कोने में रहे, वह भक्ति भाव, विनम्रता तथा प्रीत-प्यार से भरपूर जीवन जीता है और दूसरों को भी रास्ता दिखाता है। वह भक्ति के लिए घर-परिवार की जि़म्मेदारियों का त्याग करके कहीं पहाड़ों या जंगलों में जाकर आराधना नहीं करता, वह समाज में रहते हुए ही अपनी भक्ति निभाता है।

सद्गुरू   माता जी ने एक छोटे से कीड़े ष्टड्डह्लद्गह्म्श्चद्बद्यद्यड्डह्म् का उदाहरण देते हुए कहा कि वह तितली में परिवर्तित हो जाता है। वह अपने शरीर से नहीं जुड़ता और ना ही किसी बदलाव से डरता है क्योंकि उसको अपने बनाने वाले ईश्व प्रभु परमात्मा पर पूरा विश्वास होता है। आईए, हम भी ऐसे ही निरंकार की रज़ा में रहते हुए भक्ति कर पाएं।समागम में प्रमुख वक्ताओं में सन्त निरंकारी मंडल के प्रधान श्री जे.आर.डी. सत्यार्थी जी, केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री खेमराज चड्ढा जी, चण्डीगढ़ के श्री निरंजन सिंह जी आई.ए.एस. तथा सन्त निरंकारी मण्डल के महासचिव श्री वी.डी. नागपाल जी शामिल थे।विद्वान वक्ताओं ने बताया कि भक्ति केवल ज्ञान प्राप्त करने का नाम नहीं, सच्चा भक्त वही है जो इसे अपने जीवन में धारण करता है और गुरु के आदेश उपदेश के अनुसार आगे बढ़ता है। सच्ची भक्ति स्वार्थ रहित तथा निष्काम होती है। यहाँ भक्त केवल सद्गुरू   के प्रति समर्पित होता है और निरंकार प्रभु परमात्मा में पूर्ण आस्था रखता है।

समागम में बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की सुपुत्री सुदीक्षा जी तथा बाबा जी की बहन परम पूज्य बिंदिया छाबड़ा जी ने सद्गुरू   माता जी को अखिल भारतीय मानवाधिकार परिषद् की ओर से बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को सम्मान के रूप में दिया गया द्वितीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम विश्व शांति पुरस्कार-2016 भेंट किया, जिसे हाल ही में परिषद् द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में परम पूज्य सुदीक्षा जी ने प्राप्त किया था।सद्गुरू   माता जी ने 69वें वार्षिक निरंकारी संत समागम पर आधारित तीन डी.वी.डी. और सूफी नाइट कार्यक्रम की एक डी.वी.डी. का विमोचन किया। यह डी.वी.डी. निरंकारी स्टूडियो द्वारा तैयार की गई हैं और प्रकाशन विभाग (उत्पादन तथा वितरण) द्वारा संगतों तक पहुंचाई जायेंगी।