5 Dariya News

नीतीश कुमार के 'गुडविल' को पंजाब में भुनाने की कवायद

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पटना (बिहार) 15-Jan-2017

बिहार में गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के सफल आयोजन न केवल बिहार सरकार की सफलता का प्रतीक बना, बल्कि इस सफल आयोजन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्ष को भी तारीफ करने को विवश किया। इस आयोजन की सफलता के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कर सरकार चलाने के बावजूद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर निखरी है। माना जा रहा है कि नीतीश के इसी 'गुडविल' को सभी दल के नेता पंजाब चुनाव में भुनाने की कोशिश में जुटे हैं। पंजाब चुनाव के मद्देनजर प्रकाशोत्सव को लेकर यहां पहुंचे सिख संप्रदाय के वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वैसे पंजाब में जनता दल (युनाइटेड) की न कोई साख है और न ही मजबूत संगठन, मगर नीतीश ने प्रकाशोत्सव के बड़े आयोजन को लेकर पंजाबी मतदताओं के दिलों में तो जगह बना ही ली है। प्रकाशोत्सव में भाग लेने आए केंद्रीय मंत्री एस़ एस़ अहलूवालिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जहां 'असली सरदारा' तक कहा, वहीं कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पंजाब चुनाव में नीतीश कुमार को प्रचार के लिए आने का आग्रह कर गए हैं। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी गुरु हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने के बाद नीतीश से मिलने पहुंचे थे। उनकी आम आदमी पार्टी भी पंजाब में चुनाव लड़ रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने तो यहां तक कह दिया कि जैसा आयोजन नीतीश ने किया है, ऐसा आयोजन वह पंजाब में भी नहीं कर पाते। भाजपा हो या कांग्रेस या फिर आप या अकाली दली, सभी दलों ने प्रकाशोत्सव के मौके बिहार में अपना सियासी 'विजय रथ' को पड़ाव दिया। यह दीगर बात है कि पंजाब चुनाव में किसका रथ विजयी होता है। पटना के वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा कहते हैं कि पंजाब के चुनाव में नीतीश 'मसीहा' तो नहीं साबित होंगे, लेकिन उनके 'गुडविल' को भुनाने की हरसंभव कोशिश वहां के राजनीतिक दल जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कई स्थानीय मुद्दे भी होते हैं। ऐसे में नीतीश वहां पूरी तरह कारगर होंगे, इसमें संदेह है। 

उन्होंने हालांकि इतना जरूर कहा कि उनकी सभाओं में भीड़ जुटेगी और वहां के लोग नीतीश को हाथोंहाथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर्व में भाग लेने जब आए तो उनके भी नीतीश के साथ दूरियां मिटती दिखीं। मोदी और नीतीश ने जहां मंच साझा किया, वहीं एक-दूजे की जमकर तारीफ भी की।राजनीति के जानकार सुरेंद्र किशोर भी मानते हैं कि प्रकाशोत्सव की सफलता के बाद नीतीश का पंजाब में ही नहीं, देश-दुनिया में सिख समुदाय में कद बढ़ा है। उनका मानना है कि नीतीश की निगाह पंजाब चुनाव नहीं, बल्कि अगले लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री पद पर है। उन्होंने कहा, "आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं के चेहरों पर भी खुशी देखी गई। 

उन लोगों ने मीडिया के सामने भी बेहतर इंतजाम के लिए खुशी का इजहार किया। इस अवसर से नीतीश कुमार श्रेष्ठ 'इंतजाम बहादुर' बनकर उभरे तो नरेंद्र मोदी ने खुले मन से नीतीश की सराहना करके राजनीति में उदारता का परिचय दिया।"जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि प्रकाशोत्सव के सफल संचालन के बाद न केवल बिहार की अच्छी छवि उभरी है, बल्कि मुख्यमंत्री के 'गुडविल' पर एकबार फिर मुहर लगी है। उन्होंने कहा कि प्रकाशोत्सव में आने वाले सभी नेताओं ने नीतीश कुमार की तारीफ की है। नीतीश के पंजाब में कांग्रेस के प्रचार में जाने के विषय में उन्होंने कहा, "अभी यह तय नहीं हुआ है कि नीतीश कुमार वहां प्रचार करने जाएंगे। यह पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।" पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान चार फरवरी को होना है।