5 Dariya News

आम आदमी पार्टी ने चुनाव कमीशन से पंजाब के डीजीपी को सत्ताधारी पक्ष के साथ नजदीकियां होने के कारण बदलने की मांग की

डीजीपी सुरेश अरोड़ा पर सुखबीर बादल के राजनैतिक हितों को बढ़ावा देने का लगाया आरोप

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चंडीगढ़ 10-Jan-2017

आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा के तुरंत तबादले की मांग की है और सुखबीर बादल के साथ उसकी नजदीकियों के कारण सुखबीर के राजनैतिक हितों को बढ़ावा देने के आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के पंजाब कनवीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच और पार्टी के पंजाब इकाई के ह्यूमन राइट्स विंग के प्रमुख एडवोकेट नवकिरन सिंह ने इलैक्शन कमीशन आफ इंडिया से मांग की है कि पंजाब में निष्पक्ष और भय मुक्त चुनाव करवाने के लिए बिना किसी देरी के डीजीपी का तबादला किया जाए। वड़ैच ने कहा कि सुरेश अरोड़ा यदि मौजूदा पद पर रहते हैं तो इसके साथ पंजाब में चुनाव प्रभावित हो सकतें हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रमुख के पद पर सुरेश अरोड़ा की उपस्थिती के कारण चुनाव कमीशन का पूरा मकसद नाकाम हो जाएगा। वड़ैच ने आरोप लगाया कि सुरेश अरोड़ा एक अकाली वर्कर की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा सुरेश अरोड़ा ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की, बहबल कलां में दो व्यक्तियों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई और कोई कार्यवाही करने की बजाए मोगा के एसएसपी चरनजीत सिंह को फिर से बहाल कर दिया गया, जो कि उक्त मामले का जिम्मेदार था। इन घटनाओं को सत्ताधारी पक्ष की तरफ से सांप्रदायिक भावनाएं भडक़ा कर राजनैतिक लाभ लेने के लिए योजना बनाई गई थी। 

नवकिरन ने कहा कि आरएसएस नेता जगदीश गगनेजा की हत्या संबंधी कोई भी सुराग ढूंढने में डीजीपी असफल रहे। उन्होंने माता चन्द कौर और खन्ना के शिव सेना के नेता के कत्ल को कवर-अप करने में सहायता की। उन्होंने कहा कि राजनैतिक कत्ल और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाओं के पीछे सुखबीर का राजनैतिक मकसद छिपा हुआ था। वड़ैच ने हाई सक्योरिटी वाली नाभा जेल से पांच गैंग्स्टरों के भागने में सुखबीर के इशारे पर सुरेश अरोड़ा की तरफ से सहायता किए जाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि दो महीने बीत जाने के बाद में भी पुलिस को गैंग्स्टरों का कोई सुराग नहीं मिला और इन गैंगस्टरों को सत्ताधारी पक्ष के नेताओं की तरफ से शरण दी हुई है, तांकि वह अपने राजनैतिक विरोधियों के खिलाफ इनको इस्तेमाल कर सकें। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने डीजीपी पर पक्षपाती अफसरों का पैनल चुनाव कमीशन के पास भेजने का आरोप भी लगाया, जिससे सुखबीर बादल का फिर से सत्ता में आने का स्वप्न पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि अमर सिंह चाहल, जो कि सुखबीर सिंह बादल के बहुत खास हैं उनकी इंस्पैक्टर जनरल की पोस्टिंग की खातिर सिफारिश की गई है। 

चहल ने अकाली-भाजपा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में अहम पदों का आनंद माना और वह लुधियाना रुरल और फाजिल्का के एसएसपी रहे, अमृतसर और जालंधर के डीसीपी रहे, बठिंडा, पटियाला और फिरोजपुर रेंज के डीआईजी रहे और अमृतसर के पुलिस कमिश्नर रहे। नवकिरन ने कहा कि अरोड़ा की तरफ से सिर्फ अकाली-भाजपा सरकार में अपने राजनैतिक मास्टरों की सेवा ही नहीं की जाती, बल्कि सुखबीर बादल के इशारे पर उनकी तरफ से पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को भी खारिज करवाया था। अरोड़ा की तरफ से ट्रायल कोर्ट में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खिलाफ विजीलैंस चार्जशीट रद्द करने के लिए पटीशन डाली गई थी। आप नेताओं ने कहा कि सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिन्दर दोनों की तरफ से मिल कर सांझे हितों के लिए डीजीपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। आप नेताओं ने कहा कि अरोड़ा ने चुनावों से एक महीने पहले करवाए पुलिस समारोहों में सुखबीर बादल की सहायता की थी और नई भर्ती और तरक्कियों की चियां सुखबीर बादल के हाथों दिलाई थी। अरोड़ा ने गैरकानूनी तौर पर 9 खिलाडिय़ों को डीएसपी बनाया, 22 कांस्टेबलों की इंटेलिजैंस विंग में भर्ती की गई, जो कि जलालाबाद से सबंधित हैं और आदर्श आचार संहिता की उलंघन करते 15 दिन पहले पुलिसकर्मियों की तरक्कियां की गई। 

वड़ैच ने कहा कि अरोड़ा ने पशु पालन मंत्री गुलजार सिंह रणीके के पीऐ को विकास फंडों के घोटाले में कलिन चिट्ट दिलाने में मदद की। यह सहायता एसएसपी विजीलैंस उपिन्दरजीत सिंह माध्यम से की गई, जिनको कि एसएसपी बरनाला के पद के साथ सम्मानित किया गया और बाद में एसएसपी लुधियाना (रुरल) लगाया गया। आप कनवीनर ने कहा कि सभी नियमों-कानूनों को छींके टांगते अरोड़ा ने 1000 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों को बादलों, मजीठिया की सुरक्षा और घरेलू सहायता में लगाया हुआ है। वड़ैच ने कहा कि अरोड़ा की तरफ से बादलों की जी-हजूरी करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाती।नवकिरन ने मांग की है कि सत्ताधारी अकाली-भाजपा गठजोड के राजनैतिक अधिकारियों की सुरक्षा वापिस ली जाए और पंजाब विधान सभा चुनाव के मद्देनजर आम जनता के हथियारों को जमा करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड की तरफ से अपने अधिकारियों को बड़े तौर पर हथियारबंद सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाए गए हैं, जिससे वह हथियारों का रौब दिखा कर लोगों में डर का माहौल पैदा कर सकें।