5 Dariya News

सुखबीर बादल विरुद्ध घुबाया के पुत्र को चुनाव मैदान में न उतारने का कांग्रेस के फैसले से गुप्त समझौता जाहिर हुआ- भगवंत मान

अमरिन्दर ने टी.वी. इंटरव्यू में मजीठिया को सी.बी.आई. की जांच से बचाने के अपने स्टैंड को सही ठहराया

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चंडीगड़ 07-Jan-2017

आम आदमी पार्टी (आप) ने आज कहा है कि जलालाबाद हलके में उप-मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल विरुद्ध शिरोमणी अकाली दल को अलविदा कह चुके एम.पी. शेर सिंह घुबाया के पुत्र को उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में न उतारने के फैसले से कांग्रेस और शिरोमणी अकाली दल में हुआ गुप्त समझौता अब जनतक हो गया है। आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के चेयरमैन और एम.पी. भगवंत मान ने एक ब्यान में कहा है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान ने ए.बी.पी. टी.वी. पर प्रसारित हुए एक इंटरव्यू दौरान ऐलान किया है कि अकाली दल छोड़ कर कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हुए एम.पी. के पुत्र दविन्दर सिंह घुबाया को जलालाबाद से नहीं, बल्कि फाजिल्का से पार्टी उम्मीदवार बनाया जायेगा। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही यह कहती आ रही है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह और सुखबीर बादल में गुप्त समझौता हो चुका है। 

मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पहले ही ऐसा अंदेशा प्रकटाया था कि कांग्रेस सुखबीर बादल की मदद के लिए जलालाबाद से घुबाया के पुत्र को टिकट नहीं देगी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अब यह स्पष्ट करते बताया है कि ऐसी उनके परिवार की इच्छा थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानबुझ कर सुखबीर बादल विरुद्ध कोई कमजोर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी। उन्होंने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने पहले ही भारतीय थल सेना के पूर्व प्रमुख जनरल जे.जे. सिंह को कैप्टन अमरिन्दर सिंह विरुद्ध अपना उम्मीदवार बनाया है परन्तु पटियाला में क्योंकि श्री जे.जे. सिंह का कोई आधार नहीं है, इस लिए वह एक कमजोर उम्मीदवार हैं।

मान ने कहा कि बादल परिवार घुबाया परिवार को डराने और सुखबीर बादल की हिमायत करने का दबाव डालने के लिए हर तरह के गैर -कानूनी ढंग अपना रहा है। उन्होंने कहा कि विजीलैंस विभाग ने घुबाया परिवार की तरफ से चलाए जाते कालेज पर छापा भी मारा था और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शेर सिंह घुबाया को धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि अब तो यह भी मान लिया गया है कि घुबाया परिवार का प्रभाव खत्म करने के लिए घुबाया के पुत्र को शामिल करना एक पहले से सोची -समझी योजना थी। उन्होंने कहा कि जलालाबाद में राए सिक्खों की बहु-संख्या है और वह शिरोमणी अकाली दल को अपनी हिमायत नहीं दे रहे।

मान ने कहा कि कैप्टन अमररिन्दर सिंह ने अपना वह गुनाह भी माना है कि उन्होंने माल मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में सी.बी.आई. की जांच से बचाया था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने उस स्टैंड को सही करार देते कहा कि सभी केंद्री एजेंसियां पहले ही उस मामले में मजीठिया की भूमिका की जांच कर चुकी थी और वह उनके विरुद्ध कोई सबूत ढूंढने में नाकाम रही थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह दावा भी किया कि उन्होंने सी.बी.आई. जांच का विरोध किया था और पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के तबके प्रधान प्रताप सिंह बाजवा को यह भी बताया था कि मजीठिया विरुद्ध अगर कोई ऐसी बात पाई गई, तो हाई कोर्ट उसकी जांच के आदेश देगी। मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब की जनता के साथ विश्वासघात किया है और नशों के तस्करों के शिकार हुए पीडितों के साथ भद्दा मजाक किया है।

मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के लिए यह शर्मनाक बात है क्योंकि वह अब नशों की समगलिंग के मामले में दोगली नीती अपना रहे हैं। एक तरफ तो वह कह रहे हैं कि वह सरकार बनाने के एक महीने में नशों का खात्मा करवा देंगे और दूसरी तरफ वह नशों के कारोबार के ‘मुखी’ को बचा भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशों के तस्कर जगदीश भोला ने जनतक तौर पर यह दोष लगाया था कि इस सभी सिंथैटिक ड्रग के कारोबार में मजीठिया ही मुख्य व्यक्ति है। मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह को अपने ऐसे गलत व्यवहार के लिए अब पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए।