5 Dariya News

हरियाणा सरकार की उदासीनता से आहत है कोच सुनील तंवर

रियो पराओलंपिक में देश को गोल्ड दिलवाने वाले झांझडिया के कोच को सरकार ने धन्यवाद तक देना मुनाशिब नहीं समझा, हरियाणा सरकार नई खेल नीति पर लगा प्रश्र चिह्न

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चंडीगढ़ 07-Jan-2017

हरियाणा सरकार व खेल मंत्री आए दिन खेलों व खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने के लंबे चौड़े दावे व वायदे करते है लेकिन रियो ओलंपिक में देश को गोल्ड मैडल दिलवाने वाले कोच सुनील सिंह तंवर हालुवासिया को आज तक न तो हरियाणा सरकार ने व न ही हरियाणा के खेल मंत्री ने कभी ईनाम तो दूर अभी तक बधाई तक भी नहीं दी है। जो हरियाणा सरकार की नई खेल नीति पर प्रश्र चिह्न है। देवेंद्र झांझडिय़ा ने रियो में आयोजित परा ओलंपिक में 63.97 मीटर दूरी पर जैवलिग फैक कर विश्व रिकार्ड के साथ देश को गोल्ड मैडल दिलवाया था। झांझडिय़ा के निजी कोच सुनील सिंह तंवर हालुवासिया थे। हरियाणा सरकार ने हरियाणा के अन्य विजता खिलाडिय़ों के कोचों को ईनामी राशि दी गई। लेकिन कोच सुनील सिंह को राशि तो दूर हरियाणा सरकार व खेल मंत्री अनिल विज की तरफ से किसी ने भी प्रोत्साहन स्वरूप धन्यवाद के दो शब्द भी आज तक नहीं कहे। कोच सुनील तंवर के मार्ग दर्शन से ही देवेंद्र झांझडिय़ा ने रियो में देश को गोल्ड मैडल दिलवाया। सुनील तंवर मौजूदा समय में हिसार साई में जैवलिग के कोच पद पर तैनात है। कोच सुनील सिंह तंवर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार व हरियाणा के खेल मंत्री की तरफ से किसी तरह की ईनामी राशि तो दूर कोई बधाई संदेश तक भी नहीं मिला है। एक खिलाड़ी व कोच के लिए सरकार की तरफ बधाई या ईनामी राशि बहुत मायने रखती है। इससे खिलाड़ी व कोच दोनों को ही आगे बढऩे का प्रोत्साहन मिलता है। सरकार की इस तरह की उदासीनता से वे कुछ मायूस तो हैं लेकिन वे खिलाडिय़ों को पहले से भी ज्यादा मेहनत करवा रहे है। सुनील ने कहा कि इस उपलब्धि के लिए वे कम से कम सरकार की तरफ से धन्यवाद के तो हकदार थे ही।

क्या कहते है रियो ओलंपिक गोल्ड मैडलिस्ट

रियो पराओलंपिक गोल्ड मैडलिस्ट देवेंद्र झांझडिय़ा ने कहा कि उनके कोच सुनील सिंह तंवर हालुवासिया को केंद्र सरकार की तरफ से तो पूरा मान सम्मान मिला है लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें ईनाम तो दूर उनका इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद तक नहीं किया । जिससे उन्हें भी हरियाणा सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता से निराशा हुई है।