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पूर्व सैनिकों ने कांग्रेस को दिया समर्थन, कैप्टन अमरेन्द्र, हिमाचल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने किया स्वागत

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नई दिल्ली 05-Jan-2017

ओ.आर.ओ.पी मुद्दे पर हाल ही में जंतर मंतर पर लंबे वक्त तक चले प्रदर्शन में चर्चा का विषय बनने वाली इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमैंट ने उनके कल्याण के प्रति मोदी सरकार में चिंता की पूरी तरह कमी पर दु:ख व्यक्त करते हुए, पंजाब सहित चुनावों में दौर में चल रहे अन्य राज्यों व हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दिया है।यहां ए.आई.सी.सी. कार्यालय में पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उत्तराखंड के सी.एम हरीश रावत सहित पार्टी नेताओं ए.आई.सी.सी. महासचिव पंजाब मामलों की इंचार्ज आशा कुमारी, सांसद अंबिका सोनी, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुनील जाखड़ व रणदीप सुरजेवाला ने चेयरमैन मेजर जनरल सतबीर सिंह के नेतृत्व वाले आई.ई.एस.एम के सदस्यों का स्वगत किया। सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारियों जनरल एस.पी गरेवाल व लैफ्टीनेंट जनरल तेजिंदर शेरगिल ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई।कैप्टन अमरेन्द्र ने रक्षा मंत्रालय से वन रैंक वन पैंशन लागू करने की मांग करते हुए, जंतर मंतर पर 571 दिनों तक श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल करने वाले आई.ई.एस.एम के सदस्यों का धन्यवाद किया। उन्होंने कश्मीर व देश के अन्य हिस्सों में मारे जाने वाले सैनिकों की याद में दो मिनट का मोन भी रखा।कैप्टन अमरेन्द्र ने श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव पर सभी को हार्दिक बधाई भी दी।

कैप्टन अमरेन्द्र ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आई.ई.एस.एम द्वारा भी कांग्रेस को समर्थन देने से पूरे देश के पूर्व सैनिक अब पार्टी के हक में आ चुके हैं। उन्होंने खुलासा किया कि संसद के एक कानून से मान्यता प्राप्त इंडियन एक्स-सर्विसमैन लीग, व सांझा मोर्चा भी पहले से पंजाब में कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके हैं।कैप्टन अमरेन्द्र ने सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर की पूरी तरह से उदासहीनता पर बरसते हुए, कहा कि केन्द्र ने न सिर्फ ओ.आर.ओ.पी पर मांग को पीछे धकेल दिया है, बल्कि सेना के रैंकों को कम करते हुए उनकी वरीयता को घटाकर रक्षा सेनाओं के साथ उनके उचित हकों को लेकर भी धोखा किया है। वह 7वें वेतन आयोग के संबंध में रक्षा सेनाओं के हितों पर न विचार करने को लेकर भी केन्द्र सरकार पर बरसे।कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि कांग्रेस पूर्व सैनिकों के कल्याण को लेकर तत्पर है व उनके लिए उसने पंजाब में अपने मैनिफैस्टों में 21 सूत्रीय एजेंडा शामिल किया है।

मेजर जनरल सतबीर ने कहा कि रक्षा मंत्री द्वारा पूर्व सैनिकों का अपमान किया गया है, जिन्होंने आई.बी जांच का अदेश देकर वास्तव में एक सिपाही का अपमान किया है। उन्होंने पार्रिकर की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों पर कड़ा नोटिस लिया, जिन्होंने रक्षा सेनाओं की चिंताओं के प्रति पार्रिकर की बेशर्म बेपरवाही को सामने ला दिया है।मेजर जनरलह्य सतबीर ने कहा कि पंजाब में पूर्व सैनिकों के लिए 53 स्कीमें होने के बावजूद उनमें से कोई भी सही तरीके से लागू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र ने पूर्व सैनिकों से सत्ता में आने के बाद यह मामला प्राथमिकता के आधार पर उठाने का वायदा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों ने चुनावों में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने हेतु सरगर्मी के साथ पार्टी के लिए काम करने का फैसला लिया है, ताकि उनकी मांगों को पूर्ण रूप से लागू किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक अपने आन, मान व शान के लिए लड़ रहे हैं।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि शर्मनाक है कि भारत के सिपाही आंदोलन कर रहे हैं और सरकार उनकी समस्याओं के लिए प्रति अनजान बनी हुई है। उन्होंने पूर्व सैनिकों को ओ.आर.ओ.पी दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह पैसे का नहीं, बल्कि उनके सम्मान का सवाल है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व सैनिकों के अधिकारों को कुचलने को लेकर सरकार की निंदा की और कहा कि मोदी ने ओ.आर.ओ.पी मुद्दे को मोड़ दिया है। वह मोदी सरकार पर 7वें वेतन आयोग के जरिए सेवाओं में असमानता पैदा करने को लेकर भी बरसे। जबकि पंजाब कांग्रेस द्वारा अपने मैनिफैस्टो में पूर्व सैनिकों का एक एजेंडा जोड़े जाने का स्वागत करते हुए, रावत ने उत्तराखंड के लिए भी इसे अपनाने की इच्छा जाहिर की।

ए.आई.सी.सी नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी पर ओ.आर.ओ.पी पर पीछे हटकर पूर्व सैनिकों की पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाया, बावजूद इसके कि पूर्व सैनिकों की संस्था उक्त मामले में उनकी सफाई पर सहमत थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस ही पूर्व सैनिकों के हितों की रक्षा कर सकती है।समारोह में आई.एस.ई.एम के प्रमुख सदस्यों में उत्तराखंड से जनरल लाल, ब्रिगेडियर जे.एस संधु, मिसेज स्वदेश (जो ओ.आर.ओ.पी के लिए 501 दिनों तक जंतर मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठी थीं), खन्ना से माननीय कैप्टन जालाधान, जगराओं से सूबेदार देवी दयाल, मिसेज दलबीर सिद्धू (चंडीगढ़ के एक सेना अधिकारी की पत्नी), कामेश्वर पांडे व डा. रोहित (जबलपुर) भी मौजूद रहे।