5 Dariya News

पटना में 350वें प्रकाशोत्सव पर सांस्कृतिक विविधताओं का समागम

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पटना (बिहार) 04-Jan-2017

गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाशोत्सव के मौके पर बिहार कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा राजधानी पटना में बड़े पैमाने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के पांचवें दिन बुधवार को कलाकारों ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी के सहयोग से बिहार संग्रहालय में आयोजित चित्र प्रदर्शनी देखने पहुंचे, वहीं प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कला, संस्कृति विभाग के मंत्री शिवचंद्र राम बतौर दर्शक उपस्थित रहे। प्रेमचंद रंगशाला में बुधवार के कार्यक्रम की शुरुआत हिमांशु त्रिवेदी के काव्य पाठ से हुई। इसके बाद पटना के सुरेंद्र नारायण यादव ने 'रंग - ए - बिहार' कार्यक्रम के तहत मैथिली लोकगीत 'जब तक सुग्गा वेद पढ़ावें चाकर शिव भगवान, तोहे जनी जाह विदेश और नवका नेवानक चुरा खोयेवऊं' जैसे गीतों से लोगों का दिल जीत लिया। पटना के ही मनोरंजन ओझा, सत्येंद्र संगीत और नीतू कुमारी नूतन ने शानदार लोकगीतों की प्रस्तुति दी और पूनम ठाकुर ने उपशास्त्रीय गायन किया।उल्लेखनीय है कि प्रकाशोत्सव के मौके पर विभाग ने श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल, भारतीय नृत्य कला मंदिर, बहुद्देशीय सांस्कृतिक परिसर, प्रेमचंद रंगशाला, रविंद्र भवन, बिहार संग्रहालय और बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी का आयोजन किया है। 

अनाद फाउंडेशन की ओर से श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम की शुरुआत ठुमरी से हुई, जिसे पंडित राम प्रसाद मिश्रा ने प्रस्तुत किया और तबले पर पंडित मदन मोहन उपाध्याय ने उनका साथ दिया। इसके अलावा समरिन सन्याल ने महान साहित्यकार व नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ ठाकुर द्वारा गुरु गोविंद सिंह पर रचित कविता का पाठ किया जबकि गुरिंदर हरनाम सिंह ने ख्याल-दसम वाणी की प्रस्तुति दी, जिसे लोगों ने खूब सराहा। सुखविंदर अमृत ने काव्य पाठ, सुवीर मिश्रा ने रूद्र वाणी और मोहनश्याम शर्मा ने पखावज पर संगीत के सुर छेड़ा। अंत में, डॉ. मदन गोपाल सिंह ने बाबा फरीद से बुल्ले शाह का भव्य सूफी गायन प्रस्तुत किया, जिसे देख हॉल में उपस्थित लोग 'सूफीज्म' के रंग सराबोर हो गए। रविंद्र भवन में लोक संगम कार्यक्रम के अंतर्गत दुर्ग ( छत्तीसगढ़) से आई प्रेमाशीला ने पंडवानी, सोनभद्र के सोना ने गदरबाज, धार (मध्यप्रदेश) के गोविंद गहलौत ने भगौरिया, रांची की सृष्टिधर महतो ने पुरूलिया छऊ और पटना की इतु घोष ने झिझिया नृत्य पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। भारतीय नृत्य कला मंदिर में भारत - भारती कार्यक्रम में झारखंड की प्राचीन संस्कृति शिकार प्रथा पर आधारित 'शिकारी नृत्य' का मंचन हुआ।