5 Dariya News

विधान परिशद के डिप्टी चेयरमैन ने जम्मू संभाग की अग्नि घटनाओं के केसों की समीक्षा की

अधिकारियों से मानव हस्तक्षेप, अग्नि दुर्घटनाओं के पीछे मुख्य कारणों का पता लगाने के लिए कहा

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जम्मू 04-Jan-2017

जम्मू कश्मीर विधान परिशद के डिप्टी चेयरमैन, जहांगीर हुसैन मीर ने आज वन एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारियों पर बल दिया कि वे अपनी क्षेत्रीय प्रणाली को ओर अधिक मजबूती प्रदान कर राज्य से सम्बंधित वनों में घटित होने वाली अग्नि घटनाओं की संभावनाओं का पता लगायें।डिप्टी चेयरमैन ने यह आदेश जम्मू संभाग से सम्बंधित वनों में हो रही अग्नि घटनाओं के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा बैठक के दौरान दिये। वन विभाग के आयुक्त सचिव मोहम्मद अफजल एवं  प्रिसिपल चीफ कन्जीरवेटर वन ए. के. सिंह ने बैठक के दौरान अग्नि घटनाओं के साथ निपटने के लिए विभाग की गतिविधियों के बारे मे जानकारी देने के अलावा विभाग को भविश्य में पटरी पर लाने के लिए किये जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य विशेशकर जम्मू संभाग के वनों में घटित होने वाली अग्नि घटनाओं पर मानव हस्तक्षेप ही जिम्मेदार है तथा 90 प्रतिशत ऐसी घटनाएं मानव हस्तक्षेप के कारण ही हो रही है विषेश रूप से एमएफपी घास को एकत्रि़त करने के साथ नया घास उगाने के लिए आग की घटनाएं घटित होती है। इसके साथ वन क्षेत्रों में मानव द्वारा अतिक्रमण के अलावा गंावों के निकट पड़ने वाले जंगलों में वन पषुओं को दूर रखने के लिए भी विषेशकर अग्नि घटनाएं घटित होती है।

बैठक के दौरान आगे बताया गया कि जम्मू संभाग से सम्बंधित उप-ट्रिपिकल वनों को अग्नि घटनाओं से दूर रखने के लिए मार्च एवं जून के अंत तक फायर सीजन स्टार्ट भी किया गया था।डिप्टी चेयरमैन ने सम्बंधित अर्थाटी से अग्नि घटनाओं को नियंत्रण में रखने के लिए आवष्यक पग उठाने पर बल दिया ताकि राज्य के हरे सोने को बचाया जा सके। इस सम्बंध में उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर जागृति प्रोग्रामों का आयोजन करने के लिए कहा ताकि लोग अग्नि घटनाओं को नियंत्रण एवं निरीक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। बैठक के दौरान बताया गया कि गर्मियों के मौसम के दौरान अभी तक 562 वनों में अग्नि घटनाएं हुई है जिसके कारण 1260 हेक्टर क्षेत्र प्रभावित होने के अलावा चिनाब वेली, पुंछ एवं राजौरी जिलों में पतझड़ मौसम के दौरान भी विभिन्न अग्नि दुर्घटनाएं हुई है।बैठक में प्रिसिपल चीफ कन्जरवेटर आफ फारेस्ट (वन्य जीव) सुरेश चुंग, वन विशेश सचिव वसु यादव के अलावा विभागीय वरिश्ठ अधिकारी तथा कौसिल सचिवालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।