5 Dariya News

नोटबंदी पर अरविंद केजरीवाल ने श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

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नई दिल्ली 01-Jan-2017

नोटबंदी को एक बड़ा घोटाला बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसकी एक स्वतंत्र जांच और इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि गत 8 नवम्बर को 86 प्रतिशत नोट अर्थव्यवस्था से वापस लेने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में मजाक के एक पात्र बन गए हैं। उन्होंने कहा, "दुनिया भर में मोदी का मजाक उड़ना शुरू हो गया है। कम से कम (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह को दुनिया में सम्मान तो प्राप्त था।"केजरीवाल ने कहा, "नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। पूरी कवायद राजनीतिक और भ्रष्टाचार द्वारा निर्देशित थी।

"आप नेता ने दावा किया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर समर्थक भी मोदी के शनिवार के संबोधन से निराश हैं क्योंकि वह यह उल्लेख करने में विफल रहे कि लोग अपने बैंक खातों से कब तक इच्छानुरूप राशि निकालना फिर से शुरू कर सकते हैं।दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, "नोटबंदी के मामले में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। नोटबंदी के कथित लक्ष्यों और उसकी वास्तविक उपलब्धियों पर एक श्वेत पत्र भी जारी किया जाना चाहिए।

"केजरीवाल ने कहा कि गत 8 नवम्बर के बाद औसत विकास दर और औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन में हुई गिरावटों का श्वेत पत्र में विस्तृत उल्लेख होना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप नोटबंदी के सबसे मुखर आलोचकों में रही है क्योंकि इससे देश में अभूतपूर्व नकदी की कमी उत्पन्न हुई है।उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा कठिनाइयां झेलने के बावजूद गत 8 नवम्बर को मोदी द्वारा दिए भाषण का कोई भी कथित उद्देश्य हासिल नहीं हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं हुई है। कालाधन समाप्त नहीं हुआ है और आतंकवाद के वित्त पोषण का अंत नहीं हुआ है।

आप नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर नकदी की कमी के दौरान और उससे पहले कालाधन सफेद करने का आरोप लगाया और जानना चाहा कि नकदी रहित हस्तान्तरण के लिए मोदी पेटीएम को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं।केजरीवाल ने पूछा, "क्या मोदी ने पेटीएम से रिश्वत ली है? नोटबंदी से पेटीएम सबसे बड़ा लाभार्थी है।"आप नेता ने दिल्ली मेट्रो के उस आदेश की निंदा की जिसके तहत कुछ चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर केवल पेटीएम से भुगतान स्वीकार किए जाएंगे।उन्होंने कहा, "वे यह नहीं कर सकते हैं। वे एक कंपनी को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं..हो सकता है, वे दबाव में हैं।"