5 Dariya News

झारखंड में कोयला खदान धंसी, 10 मौत

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रांची 30-Dec-2016

झारखंड के गोड्डा जिले में ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की राजमहल परियोजना की ललमटिया डीप माइंस में गुरुवार की रात मिट्टी धंसने से 10 लोगों की मौत हो गई। करीब 50 लोगों के यहां दबे होने की आशंका है। अंदर फंसे लोगों की तलाश जारी है। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आऱ क़े मल्लिक ने आईएएनएस को बताया कि अब तक 10 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाव एवं तलाश अभियान जारी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) राहत कार्य में जुटी है। ईसीएल ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया। यह राशि कामगार मुआवजा अधिनियम के तहत दी जाएगी।मामले की जांच खनन सुरक्षा महानिदेशक और 'विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति' करेगी, जिसका गठन कोल इंडिया लिमिटेड ने किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास से बात कर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि हालात सामान्य बनाने के लिए राज्य सरकार तथा केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल साथ मिलकर काम कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरुवार रात आठ बजे यह हादसा हुआ। उस समय विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी। मिट्टी-पत्थर का सौ फुट ऊंचा पहाड़ (ओबी डंप) ढहने से हादसा हुआ। जहां लोग काम कर रहे थे, उनके ऊपर 20 से 30 फीट मलबा गिर गया। जो जहां था, वहीं दब गया। कुछ ने भागने की कोशिश की, लेकिन ऊपर आते-आते मलबे की चपेट में आ गए।रात में अंधेरे के कारण बचाव कार्य नहीं चला। शुक्रवार की सुबह से शवों को निकालने का काम चला। इधर, घटना पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करीबी नजर बनाए हुए हैं। राज्य के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा एवं पुलिस महानिदेशक डी़ के. पांडेय घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य का जायजा लिया। राजबाला वर्मा ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपये का मुआवजा झारखंड सरकार देगी। 

शव को उनके घर तक पहुंचाने एवं घायलों के इलाज के लिए 25-25 हजार रुपये दिए जाएंगे।उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये ईसीएल और पांच लाख रुपये आउटसोर्सिग कंपनी भी बतौर मुआवजा देगी।इधर, पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने आईएएनएस को बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि अभी भी 50 से ज्यादा लोग खदान में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि खुली खदान में इस तरह की घटना पूरी तरह सुरक्षा मानकों के उपेक्षा को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि ईसीएल के अधिकारियों, आउटसोर्सिग कंपनी के मालिकों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने मृतकों के अश्रितों को 20-20 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने की मांग की।गौरतलब है कि ईसीएल राजमहल परियोजना के ललमटिया क्षेत्र में पिछले 10 सालों से खुदाई का काम चल रहा था। इस कारण इसे 'डीप माइनिंग' के नाम से जाना जाता है। तीन दिन पहले ईसीएल के अधिकारी परियोजना इस परियोजना का निरीक्षण किया था।