5 Dariya News

नोटबंदी का फैसला बिना विचार-विमर्श लिया गया : पी. चिदम्बरम

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नई दिल्ली 30-Dec-2016

कांग्रेस ने नोटबंदी के 50वें दिन शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला बिना किसी विचार-विमर्श के लिया और इससे उन उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका, जिनकी बात कही गई थी। इसके अतिरिक्त सरकार जिस डिजिटल लेनदेन पर जोर दे रही है, उसमें गोपनीयता सहित कई अन्य 'गंभीर मुद्दे' हैं। विपक्षी पार्टी ने मोदी सरकार पर नोटबंदी को लेकर लगातार बयान बदलने का आरोप भी लगाया।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने यहां कहा, "यह स्पष्ट हो गया है कि निर्णय बिना विचार-विमर्श के लिया गया, अधिकारियों से परामर्श नहीं लिया गया, चलन में जारी मुद्रा की अहमियत को नहीं समझा गया और मुद्रा के मुद्रण की क्षमता से लेकर नए नोटों की आपूर्ति की क्षमता तक पर विचार नहीं किया गया।"उन्होंने कहा, "पूरी प्रक्रिया कुप्रबंधन, प्रशासनिक ह्रास और व्यापक भ्रष्टाचार का मामला है।"चिदंबरम ने कहा कि यदि नोटबंदी से काला धन और भ्रष्टाचार समाप्त होता तो कांग्रेस इसका समर्थन करती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, "पिछले 50 दिन में कोई भी कथित लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। 2,000 रुपये के नए नोटों में काला धन रखने वाले अब भी हैं। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि काला धन भविष्य में जमा नहीं होगा या नए नोटों में रिश्वत नहीं दी जाएगी।"पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्व में कहा था कि नोटबंदी का फैसला काला धन और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लिया गया है, पर बाद में बयान बदलते हुए इसे नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर कदम बताया।उन्होंने कहा, "कोई भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह नकदी रहित नहीं हो सकती और न ही हुई है। हम उच्च मूल्य में लेनदेन के लिए डिजिटल मोड अपनाने को प्रोत्साहित करते हैं, पर इस पर जोर देना कि कम मूल्य के लेनदेन भी नकदी रहित हों, बेतुका है।"उन्होंने कहा, "भुगतान करने वाले और भुगतान लेने वाले की गोपनीयता, इस पर आने वाली लागत गंभीर मुद्दे हैं। इन पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता है।"