5 Dariya News

नरेंद्र मोदी, केजरीवाल विपक्ष की तरह बर्ताव कर रहे : अजय माकन

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नई दिल्ली 30-Dec-2016

केंद्र और राजधानी दिल्ली में लंबे अर्से से सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी विपक्ष के रूप में जमीनी स्तर पर काम कर रही है। कांग्रेस का पूरा ध्यान पार्टी संगठन को मजबूत करने पर है। पार्टी ने अपनी रणनीति बदलते हुए आक्रामक रुख अख्तियार किया है। पार्टी का मानना है कि जनता के सामने नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के 'झूठे वादों' की कलई खुल गई है और वह अदद बदलाव चाहती है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, "हम अपने काम करने के तरीकों में बदलाव ला रहे हैं। हमने कांग्रेस की विचारधारा को जनमानस तक पहुंचाने के लिए कई संगठन बनाए हैं। जैसे कि पूर्वाचल कांग्रेस, पर्वतीय कांग्रेस और दक्षिण भारत कांग्रेस। हम काम की तलाश में दिल्ली आए लोगों के नोटबंदी की वजह से लौटने के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं।"माकन कहते हैं, "कांग्रेस दिल्ली में दोहरे विपक्ष की भूमिका है। वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्तारूढ़ भाजपा का विरोध कर रही है और दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी की नाकामयाबियों को उठा रही है। मानसून के दौरान राज्य सरकार की कोई खास तैयारी नहीं थी जिससे चिकनगुनिया और डेंगू सरीखी बीमारियों के मामले चरम पर रहे। हमने आप के मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता को वाकिफ कराया और इस तरह हम केंद्र और राज्य में सशक्त विपक्ष की भूमिका में हैं।"दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की आम आदमी पार्टी की मांग और प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर माकन ने साफ कहा, "दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के नफा-नुकसान के बारे में लोगों को समझाने की जरूरत है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर यह राष्ट्रीय राजधानी नहीं रह जाएगी। 

कांग्रेस दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के खिलाफ है।यह पूछने पर कि विपक्ष में रहकर कांग्रेस में क्या मूलभूत बदलाव आया है, माकन कहते हैं, "हमने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पार्टी ने काम करने के तरीके में बदलाव किया है। हमने अड़ियल सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। नोटबंदी के खिलाफ सरकार को घेर रहे हैं और 'पलायन रोको' नारे के तहत दिल्ली से बाहर से यहां काम करने आए लोगों के लौटने का मुद्दा उठा रहे हैं।"वह कहते हैं, "मैंने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के रूप में पिछले दो वर्षों में जंतर मंतर पर दो दर्जन से अधिक बार धरना दिया है। भ्रष्टाचार पर अभी तक न केंद्र सरकार और न ही आम आदमी पार्टी की सरकार लोकपाल का गठन कर पाई है, जबकि यूपीए ने जनवरी 2014 में ही लोकपाल अधिनियम पारित कर दिया था।" उन्होंने कहा, "बेरोजोगारी की बात करें तो मोदी ने कहा था कि दो करोड़ लोगों को हर साल नौकरी मिलेगी। उस वादे का क्या हुआ? दालों की कीमतें बढ़ी हैं। दाल की कीमत 200 रुपये प्रति किलो से ज्यादा बढ़ी है। कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की गई। मैं नि:शुल्क वाईफाई, पानी और बिजली की तो बात ही नहीं कर रहा हूं।"वह आम आदमी पार्टी को नाकाम बताते हुए कहते हैं, "आप सरकार के कार्यकाल में बुनियादी ढांचागत निर्माण ठप्प पड़ा है। पिछले दो साल में एक भी नया फ्लाइओवर नहीं बना, कोई नया अस्पताल नहीं खुला। कोई नई डीटीसी बस नहीं खरीदी गई। पहली बार मेट्रो का काम तय समय पर काम पूरा नहीं हो सका। मेट्रो को सितंबर 2016 तक 160 किलोमीटर लंबे तीसरे चरण पर काम पूरा करना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 22 किलोमीटर ही पूरा हो सका है। केंद्र और राज्य सरकार इन मुद्दों पर सीधा जवाब देने के बजाय एक-दूसरे से भिड़ रही है।

"वह आगे कहते हैं, "मोदी और केजरीवाल दोनों ही लोगों को झूठे सपने दिखाकर सत्ता में आए। मैं इन दोनों को ही सपनों का सौदागर कहता हूं। उन्होंने अपने वादों से लोगों के लिए झूठा सपना गढ़ा है।" लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार से कांग्रेस ने क्या सबक सीखा है? इसका जवाब देते हुए माकन कहते हैं, "मैं 100 फीसदी आश्वस्त हूं, कांग्रेस आगामी चुनावों में भारी बहुमत के साथ वापसी करेगी। हमने 1977, 1980 और 2004 में इसे साबित करके दिखाया है।"वह कहते हैं, "प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए मोदी जी जिस तरह राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हैं और जिस तरह से राहुल जी उसका जवाब देते हैं, इससे देश की जनता को पता चल गया है कि कौन ज्यादा परिपक्व है। राहुल जी मोदी से देश की जनता को हो रही परेशानी का जवाब चाहते हैं। मोदी और केजरीवाल को यह समझना पड़ेगा कि वे विपक्ष में नहीं हैं, इसलिए वे सवाल नहीं कर सकते। उन्हें जनता के हित में काम करने और विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए गद्दी पर बैठाया गया है, लेकिन इन दोनों नेताओं के काम करने का अंदाज विपक्ष जैसा है।"