5 Dariya News

जेएनयू छात्रों के निलंबन के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन

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नई दिल्ली 28-Dec-2016

कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन द्वारा आठ छात्रों को निलंबित किए जाने के खिलाफ किया गया।प्रदर्शन का नेतृत्व एनएसयूआई की अध्यक्ष अमृता धवन ने किया। उन्होंने केंद्र पर प्रमुख शैक्षणिक पदों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थकों को पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए नियुक्त करने का आरोप लगाया।अमृता ने अपने एक बयान में कहा, "सरकार की ओर से प्रत्यक्ष रूप से या उसके प्रतिनिधियों द्वारा छात्रों पर हो रहे लगातार हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

एनएसयूआई छात्र विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ेगी। सरकार छात्रों से डरी हुई है, क्योंकि छात्रों द्वारा उठाए जाने वाले सवालों का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास नहीं है।"अमृता ने कहा, "जेएनयू में फूट डालो और राज करो के एजेंडे के तहत सरकार समाज के वंचित वर्गों से संबंधित छात्रों को निलंबित कर रही है। हम इस निष्कासन को तुरंत रद्द करने की मांग करते हैं।"बयान में अमृता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटा गया। जेएनयू प्रशासन ने मंगलवार को आठ छात्रों को निलंबित कर दिया। इन सभी छात्रों को सोमवार को 142वीं अकादमिक परिषद की कार्यवाही में बाधा डालने पर निलंबित किया गया।

जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि हॉल में नारे लगाते हुए छात्रों के प्रवेश से पहले ही बैठक समाप्त हो गई थी।जेएनयूएसयू के एक पूर्व महासचिव ने आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा कि जेएनयू प्रशासन द्वारा निलंबित किए गए आठ छात्र बिरसा-अम्बेडकर-फुले छात्र संघ (बीएपीएसए), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (डीएसयू) और स्टूडेंट फार स्वराज (एसएफएस) से जुड़े हैं। ये सभी समूह विश्वविद्यालय परिसर में सक्रिय हैं। अकादमिक परिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में लिए गए फैसले के खिलाफ नारे लगाए गए थे। इसमें दाखिले के लिए लिखित परीक्षा के तुलना में मौखिक परीक्षा को अहमियत देने का फैसला भी शामिल था। छात्रों को इस बात का डर है कि साक्षात्कार को अधिक महत्व दिए जाने से उनके दाखिले में हेराफेरी हो सकती है और यह हेराफेरी पूर्वाग्रहों के आधार पर हो सकती है।