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भारत, चीन के लिए दोबारा विनिर्माण हब बनने का समय : एम.जे. अकबर

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नई दिल्ली 09-Dec-2016

विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के लिए दोबारा विनिर्माण हब बनने का समय आ गया है। उन्होंने पहले सेमिनार 'इंडिया चाइना थिंक टैंक्स फोरम : टूवार्ड्स ए क्लोजर इंडिया-चाइना डेवलपमेंट पार्टनरशिप' को संबोधित करते हुए कहा कि 1750 में वैश्विक विनिर्माण उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 24 फीसदी जबकि चीन की 30 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि दोनों बड़े एशियाई देशों को एक साथ मिलकर वैश्विक विनिर्माण उत्पादन में 50 फीसदी की हिस्सेदारी रखनी चाहिए।उन्होंने कहा कि किसी देश का निर्माण धर्म या विश्वास के आधार पर स्थापित नहीं किया जा सकता।

मंत्री ने कहा कि भारत के पूर्व के देशों में विभिन्न धर्म हैं। वे इस विश्वास के साथ एकजुट हैं कि सरकारें लोगों की समृद्धि के लिए काम कर सकती हैं।हालांकि, भारत के पश्चिम के देशों में विभिन्न धार्मिक विचारों में तनाव बढ़ रहा है जिससे क्षेत्र की अस्थिरता को चुनौती मिल रही है।उन्होंने कहा, "ये धार्मिक विचारधारा आतंकवाद रूपी हथियार का इस्तेमाल करते हैं। डर एक ऐसा जहर है जो समाज में निरंतर फैल रहा है।"अकबर ने कहा कि एक परिपक्व दोस्त एक उन्मादी साथी की तुलना में बेहतर होता है।प्रधानमंत्री मोदी की मई, 2015 में चीन यात्रा के दौरान समझौता ज्ञापन के जरिए इंडिया-चाइना थिंक-टैंक्स फोरम की स्थापना हुई थी।