5 Dariya News

अम्मा का अंतिम संस्कार, एमजीआर के बगल में दफन

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चेन्नई 06-Dec-2016

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता का मंगलवार को यहां मरीना बीच पर पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि दी। सूर्यास्त शुरू होने के साथ ही जयललिता की निकटस्थ सहयोगी शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी के साथ उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की। उनके राजनीतिक गुरु तथा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन (एमजीआर) के स्मारक के निकट मंगलवार शाम उन्हें दफन कर दिया गया। जयललिता पिछले दो महीने से ज्यादा समय से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं। रविवार शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद सोमवार रात 11.30 बजे उनका निधन हो गया।तमिलनाडु में एक युग के अंत के साथ ही राजाजी हॉल से जयललिता की अंतिम यात्रा शुरू हुई। अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ धीरे-धीरे मरीना बीच की तरफ बढ़ रही थी। 

जयललिता के पार्थिव शरीर के साथ चेन्नई की सड़कों पर तीन किलोमीटर लंबा जुलूस धीरे-धीरे मरीना बीच की तरफ बढ़ रहा था। भीड़ में भारी संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल थे, जिनमें से अधिकांश रो-पीट रहे थे। तीन किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लगा।उनके राजनीतिक गुरु तथा एआईएडीएमके के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन (एमजीआर) के स्मारक के निकट मंगलवार शाम उन्हें दफन कर दिया गया, जो उन्हें फिल्मी दुनिया से पुरुषों के बर्चस्व वाली राजनीति में लेकर आए थे।जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री बने ओ.पन्नीरसेल्वम तथा शशिकला काले लिबास में सेना के उस वाहन में बैठे थे, जिससे जयललिता के पार्थिव शरीर को कांच के कास्केट (ताबूत) में रखकर मरीना बीच ले जाया जा रहा था।उनके प्रशंसक व समर्थक, युवा व बुजुर्ग पार्थिव शरीर को ले जा रहे वाहन पर फूल बरसा रहे थे। कई लोग तो यह स्वीकार करने को तैयार ही नहीं थे कि वह एआईएडीएमके को अकेला छोड़कर जा चुकी हैं।घरों में दूध की आपूर्ति करने वाली के.नागलक्ष्मी ने कहा, "यह स्वीकार करना मुश्किल है कि अम्मा अब हमारे बीच नहीं रहीं। यह उनके जाने की उम्र नहीं थी। उन्हें कुछ साल और जीवित रहना चाहिए था।"

शवयात्रा जब अपने गंतव्य तक पहुंची, तो लोगों के सब्र का बांध टूट पड़ा। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। लोग रोते-विलखते नजर आए। कुछ तो अपनी छाती और सिर पीट रहे थे। हर तरफ बस 'अम्मा, अम्मा' की आवाज गूंज रही थी।जयललिता के अंतिम संस्कार में देश के शीर्ष राजनीतिज्ञों के भाग लेने को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री मोदी ने देश की तरफ से जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि दी। दोनों हाथ जोड़कर कास्केट के निकट पहुंचे, सिर नवाया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।अम्मा के निधन से शोकाकुल पूरा चेन्नई मंगलवार को बंद रहा। तमिलनाडु में जयललिता के प्रति लोगों के मन में अपार श्रद्धा थी। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा अन्य नेता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।जयललिता के समर्थकों द्वारा खुद को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनों को लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस सतर्क रही।तमिलनाडु में एक सप्ताह के शोक की घोषणा की गई है, जिस दौरान तीन दिनों तक स्कूल व कॉलेज बंद रहेंगे। मंगलवार को राज्य सरकार की बसें नहीं चलीं।केंद्र सरकार ने भी एक दिन के शोक की घोषणा की है।भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने जयललिता के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "अमेरिका की तरफ से मैं जयललिता के परिजनों तथा तमिलनाडु के लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।"वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा कि उनके निधन की खबर सुनकर उन्हें दुख हुआ। उन्होंने कहा, "भारतीय राजनीति में उनका कद बेहद ऊंचा था।"