5 Dariya News

झूठे तोहफों के सहारे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं बादल: पंजाब कांग्रेस

चुनावों से पहले सुखविलास की शुरूआत करने वाले सुखबीर पर बरसे

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चंडीगढ़ 01-Dec-2016

चुनावों से सिर्फ दो महीने पहले सुखबीर सिंह बादल के सुखविलास की शुरूआत पर बरसते हुए, पंजाब कंाग्रेस ने बादलों पर अपने हितों को प्रमोट करने हेतु जानबूझकर गंभीर कमियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिलों व अध्यादेशों को इजाजत देने का आरोप लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप ये बिल खारिज हो रहे हैं और अकाली सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के लोगों को दिए जा रहे तोहफों को झूठा साबित कर रहे हैं।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं जगमोहन सिंह कंग, बलबीर सिंह सिद्धू व दीपइंद्र सिंह ढिल्लों ने बादलों पर विधानसभा चुनावों से पहले झूठे ऐलानों के जरिए लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है, जिनकी इन ऐलानों को लागू करने के प्रति जरा भी मंशा नहीं है। लोगों को तोहफे देने संबंधी यह पूरा ड्रामा स्पष्टतौर पर वोटरों को अपनी तरफ खींचने के लिए किया जा रहा है।उन्होंने सरकार को ऐसे झूठों व कुप्रचार को फैलाने और अकाली हितों को प्रमोट करने हेतु लगातार सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग करने से रोकने के लिए चुनाव आयोग से राज्य में तुरंत आचार संहिता लागू करने की मांग की है।प्रदेश कांगे्रस की यह प्रतिक्रिया पंजाब के राज्यपाल विजयइंद्रपाल सिंह बदनौर द्वारा 27,000 एडहॉक/ठेके पर रखे कर्मचारियों को रेगुलर करने संबंधी राज्य सरकार के अध्यादेश को वापिस भेजने की खबरों पर आई है। खबरों में यहां तक खुलासा हुआ है कि ओबराय सुखविलास रिजोर्ट एवं सपा, जिसमें सुखबीर व उनकी पत्नी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है, को बिजनेस के लिए खोल दिया गया है।

यहां जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि प्रोजैक्ट की लांच के साथ कई विवादों से घिरे सुखविलास की शुरूआत ने सुखबीर द्वारा सत्ता के दुरुपयोग की बहुत बड़ी उदाहरण है। इस क्रम में पहले मुल्लांपुर मास्टर प्लान को न्यू चंडीगढ़ का नया नाम देकर ओमैक्स व डी.एल.एफ जैसी रियल एस्टेट कंपनियों की सहायता करते हुए, और सरकारी खर्चे पर पालनपुर में सुखविलास तक सड़क का निर्माण करवाने के बाद सुखबीर ने अब आगे बढ़ते हुए सभी राजनीतिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त रिजोर्ट को खोल दिया है।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी मात्रा में होर्डिंगों इत्यादि सहित विज्ञापनों व प्रचार मटीरियल का जिक्र करते हुए, जिन्हें अकाली लगातार अपने चुनावी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकारी खर्चे पर रिलीज कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि जहां सुखबीर और उनके पिता, मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने व्यक्तिगत हितों को प्रमोट करने में व्यस्त हैं, सरकार द्वारा लोगों को तोहफे देने हेतु किए बड़े-बड़े ऐलानों के महत्वपूर्ण बिल व अध्यादेश राज्यपाल द्वारा मंजूर नहीं किए जा रहे, या वापिस भेजे जा रहे हैं।इससे स्पष्ट होता है कि बादलों द्वारा पंजाब के लोगों के कल्याण पर नाम किए जा रहे ऐलान मात्र आंखों का छलावा हैं, जिनका उद्देश्य चुनावों का सामना कर रहे राज्य के लोगों को धोखा देना है।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि यह संयोग नहीं हो सकता है कि एस.वाई.एल पर डी-एक्यूजीशन बिल से लेकर वाटर सैस बिल और अब रेगुलराइजेशन बिल, इन सब पर बादल सरकार अपने बड़े ऐलानों के बावजूद राज्यपाल की मंजूरी लेने में नाकाम रही है। ऐसे में स्पष्ट है कि या तो बादलों ने इन अध्यादेशों व बिलों को पेश करने से पहले अपनी गठबंधन सांझीदार भारतीय जनता पार्टी से रजामंदी नहीं ली या फिर इन्हें जानबूझकर तकनीकी पक्ष से कमजोर रखा गया है।