5 Dariya News

डा. नवजोत कौर सिद्धू, परगट सिंह औपचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल

बड़ी संख्या में परगट के अकाली समर्थक भी पार्टी में शामिल

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नई दिल्ली 28-Nov-2016

डा. नवजोत कौर सिद्धू व परगट सिंह सोमवार को पार्टी की पंजाब यूनिट के अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की मौजूदगी में औपचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हो गए।इस अवसर कैप्टन अमरेन्द्र के अलावा, मौजूद अन्य नेताओं में ए.आई.सी.सी इंचार्ज कम्यूनिकेशंज रणदीप सुरजेवाला व ए.आई.सी.सी. महासचिव इंचार्ज पंजाब मामले आशा कुमारी भी मौजूद रहे।परगट के समर्थन में जालंधर से कई अकाली नेता भी कांग्रेस में शामिल हो गए। इनमें जसपाल सिंह वड़ैच, मनिन्दर सिंह बावा, अशविंदरपाल सिंह, हरजिंदर सिंह, सरबदयाल सिंह, कैप्टन आर.पी.एस. कंग, बलदेव सिंह, नरेन्द्रपाल सिंह, राजन चोपड़ा, बन्नी संधु व संदीप सिंह शामिल हैं।इस दौरान उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू के भी कांगे्रस में शामिल होने की संभावना बारे एक सवाल के जवाब में, डा. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि इस वक्त वह कुछ नहीं कह सकती हैं, लेकिन उन्होंने धीमे से यह जरूर कहा कि वह और उनके पति दो शरीर और एक आत्मा हैं.. और कितने वक्त तक आत्मा शरीर के बगैर रह सकती है?डा. सिद्धू ने स्पष्ट किया कि वह बगैर किसी शर्त कांगे्रस में शामिल हुई हैं और पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह निभाएंगी।डा. नवजोत कौर पटियाला से संबंधित हैं और 2012 में वह भाजपा की टिकट पर अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई थीं। उन्होंने अक्तृबर में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

इसी तरह, 2012 में शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर जालंधर कैंट से चुनाव जीतने वाले परगट सिंह ने इस साल सितंबर में पार्टी नेता व उप मुख्यमंत्री पंजाब सुखबीर सिंह बादल पर राज्य के लोगों के विश्वास को तोडऩे का आरोप लगाते हुए अकाली दल से इस्तीफा दे दिया था। पूर्व क्रिकेट नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उन्होंने आवाज-ए-पंजाब के रूप में एक नया राजनीतिक फ्रंट बनाया था। जिन्होंने 16 नवंबर को एस.वाई.एल मुद्दे पर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।बाद में पत्रकारों से बातचीत में कैप्टन अमरेन्द्र ने चेतावनी दी कि एस.वाई.एल का मुद्दा हालातों को बिगाड़ सकता है, जो पंजाब में आतंकवाद को दोबारा पैदा कर सकते हैं।उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एस.वाई.एल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया गया, तो सरदूलगढ़ से अबोहर तक सारा क्षेत्र सूख जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए बहुत जरूरी नदी के पानी से उन्हें वंचित करना हिंसा का कारण बन सकता है, जिसके पंजाब के लिए खतरनाक नतीजे निकल सकते हैं।उन्होंने खुलासा किया कि इससे पहले आनंदपुर साहिब प्रस्ताव से पंजाब में आतंकवादी हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें पानी एक मुख्य मुद्दा था। कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि 35,000 लोग पहले ही मारे जा चुके हैं। पंजाब एक बार फिर से इन हालातों का सामना नहीं कर सकता।

कैप्टन अमरेन्द्र ने दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला देने से पहले पंजाब के पास उपलब्ध पानी का अनुमान लगाना चाहिए था, और जोर देते हुए कहा कि हरियाणा का सतलुज या रावी के पानी पर कोई रिपेरियन अधिकार नहीं है। कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पंजाब ने कभी भी यमुना के पानी पर दावा नहीं किया है, जो वह आसानी से कर सकता है।कैप्टन अमरेन्द्र ने रविवार को नाभा जेल तोडऩे की घटना के लिए पंजाब की अकाली सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए, बादलों पर विधानसभा चुनावों से पहले राज्य को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जो इन्होंने हर बार हार का सामना करने के वक्त किया है।उन्होंने खुलासा किया कि खालिस्तानी आतंकी के साथ जेल से भागने वाले चारों गैंगस्टर मुक्तसर व जालाबाद से थे, जहां से बादल संबंधित हैं।पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने खुलासा किया कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह व मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर बादल सरकार को बर्खास्त करने व चुनाव आचार संहिता लागू करने की मांग की है। उन्होंने उक्त घटना की सी.बी.आई जांच की मांग करते हुए कहा है कि पंजाब पुलिस द्वारा मामले में निष्पक्ष जांच मुमकिन नहीं है।