5 Dariya News

दम है तो पद और पार्टी छोड़ें कांग्रेसी -सुखदेव सिंह ढींढसा

5 Dariya News

चंडीगढ़ 11-Nov-2016

पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरेंदर सिंह ने लोक सभा से और अपने अपने पंजाब विधान सभा सदस्यों के साथ त्यागपत्र देकर शांत पंजाब में आग भड़काने का काम किया है।शिरोमणि अकाली दल के महासचिव और सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा है कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रपति की सलाहकार एपेक्स कोर्ट के फैसले से इतनी ही तकलीफ थी तो अमरेंदर ने कांग्रेस के लोक सभा और राज्य सभा सदस्यों के साथ मामले की पैरवी क्यों नहीं की और क्यों आज तक कुर्सियों से चिपके बैठे रहे। अमरेंदर का दावा है कि सभी पार्टी सांसदों ने इस मुद्दे पर त्यागपत्र देने की पेशकश की थी। मगर उन्होंने सांसदों को संसद में रह कर एसवाईएएल मुद्दे पर संर्घष करने की सलाह दी। लेकिन यह बात पूरी तरह से बेमानी भी है और अविवेकपूर्ण भी। अगर अमरेंदर वास्तव में पार्टी के जरिए इस जंग को लडऩा चाहते थे तो उन्होंने अपने उन साथियों का नेतृत्व करके यह लड़ाई क्यों नहीं लड़ी। अगर वह इतने ही दमदार होते ते घर में बैठने की बजाए संसद में इस लड़ाई को लड़ते। 

असल में कोई भी कांग्रेसी नेता अमरेंदर के साथ नहीं है। कांग्रेसी नेता अक्सर आपस में ही झगड़ते रहते हैं और उनके पास स्थानीय मुद्दे सुलझाने के लिए कोई नीति भी नहीं है।वयोवृद्ध अकाली नेता ढींढसा ने कहा है कि अगर कांग्रेसी सही मायनों में पंजाब के हितैषी हैं तो उन्हें सामूहिक रूप से त्याग पत्र देना चाहिए। पंजाब कांग्रेस के नेता अभी भी अपनी पार्टी हाई कमान के साथ सुर मिला रहे हैं। मगर कांग्रेस खुद एसवाईएल के इस झगड़े की जड़ है। दरअसल 1978 में जब इंदिरा गांधी ने एसवाईएल नहर पाटने की नींव रखी थी तब अमरेंदर सिंह ने ही उनको अपने हाथ से चांदी का फावड़ा और तसला भेंट किया था।वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि अमरेंदर सिंह को कम से कम पंजाब के लोगों को तो समझा देना चाहिए कि उनके इस्तीफे पंजाब के पानी की रक्षा करने में किस तरह मदद करेंगे।उन्होंने कहा कि बामुश्किल दो महीने की पंजाब विधानसभा से और अकेले लोकसभा से इस्तीफे देने से पंजाब के पानी की रक्षा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ वोटें लेने के लिए पंजाब के पानी की रक्षा करने का नाटक कर रही है। असलियत यह है कि इसने हमेशा पंजाब के हितों का नुकसान ही किया है।