5 Dariya News

'खतरनाक वायु गुणवत्ता के लिए कमजोर क्रियान्वयन प्रक्रिया जिम्मेदार'

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नई दिल्ली 04-Nov-2016

केंद्रीय पर्यावरण सचिव ए.एन. झा ने शुक्रवार को यहां कहा कि राज्यों के बीच प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कमजोर क्रियान्वयन तंत्र राष्ट्रीय राजधानी में हवा की खतरनाक गुणवत्ता की प्रमुख वजह है। झा ने संवाददाताओं से कहा, "राज्यों को सख्ती से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बीते साल के उपायों को लागू करने की जरूरत है। सभी राज्यों ने अलग-अलग कदम उठाए हैं।"झा ने पांच राज्यों के मुख्य सचिवों से मुलाकात की। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली शामिल रहे। इस बैठक में राज्यों द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की गई।यह बैठक दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद बुलाई गई है। बीते 17 सालों में बुधवार और गुरुवार को धुंध की स्थिति सबसे खराब रही। बुधवार को यह स्तर मानदंड से 9.4 गुना ज्यादा हो गया था।

बीते साल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 10 दिसंबर को राज्यों के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक उपायों के जरिए प्रदूषण नियंत्रण के 42 सूत्री आदेश जारी किए थे। इसमें प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुआल न जलाने और खुले में कचरा नहीं जलाने की भी बात थी।धान के पुआल जलाए जाने पर टिप्पणी करते हुए झा ने कहा, "पुआल जलाए जाने पर बहुत हद तक नियंत्रण किया गया है, सिर्फ पंजाब में कुछ मामले सामने आए हैं।" उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी राज्य दिल्ली के चारों तरफ के ईंट भट्टों की समीक्षा करने और जरूरत पड़ने पर उसे बंद करने पर भी सहमत हुए हैं। झा ने कहा कि दिल्ली सरकार से बदरपुर बिजली संयंत्र से निकली राख को नियंत्रित करने को कहा गया है। इसके लिए भारतीय ताप विद्युत निगम को भी निर्देश दिया जाएगा।दिल्ली सरकार ने बैठक में केंद्र को भरोसा दिया कि वह पर्यावरण कर और सेस से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल प्रदूषण घटाने के लिए करेगी।