5 Dariya News

भोपाल जेल तोड़े जाने की जांच हो : मनिंदर जीत सिंह बिट्टा

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भोपाल 03-Nov-2016

ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर जीत सिंह बिट्टा ने प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ विचाराधीन कैदियों के जेल से भागने की जांच को जरूरी माना है, लेकिन मामले का फैसला होने से पहले इन कैदियों को मुठभेड़ में मार दिए जाने को जायज ठहराया है। बिट्टा ने यहां गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर पुलिस कार्रवाई की सराहना की और विचाराधीन कैदियों द्वारा किए गए हमले में शहीद हुए प्रहरी रमाशंकर यादव के घर पर पहुंचकर शोक संवदेना जताई।ज्ञात हो कि पुलिस मठभेड़ पर कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन सवाल उठा रहे हैं और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उनके गले यह बात नहीं उतर रही कि सेंट्रल जेल का ताला टूथब्रश या लकड़ी की चाबी से कैसे खुल सकती है और ये आतंकवादी थे या नहीं, इसका फैसला होना अभी बाकी था, तब 'आतंकवादी' बताकर इन्हें मार डालने का अधिकार पुलिस को किसने दिया। 

इसी बीच बिट्टा ने मुठभेड़ की जांच न कराने की बात कहकर नई जिरह को जन्म दे दिया है। बिट्टा ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, "अगर ये आतंकवादी भाग जाते तो सरकार और पुलिस पर सवाल उठते और अब जब मारे गए हैं तो भी सवाल उठ रहे हैं। ये आतंकी कितनों का कत्लेआम कर सकते थे, इसका अंदाजा किसी को नहीं है।"उन्होंने आगे कहा, "आतंकवादियों को जेल से भागने का मौका ही न मिले, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें जल्दी से जल्दी सजा दी जाए। इसलिए केंद्र सरकार को 'एंटी टेरेरिस्ट मिल्रिटी कोर्ट' बनाना चाहिए। यह कोर्ट छह माह के भीतर सजा सुनाए। सिमी कार्यकर्ताओं द्वारा गला रेतकर मारे गए प्रहरी रमाशंकर यादव के घर जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य मंत्रियों ने शोक जताया। इस पर बिट्टा ने कहा, "क्या जेल में शहीद हुआ जवान भाजपा का था? आरएसएस का था? वह पाकिस्तान का नहीं था, वह हिंदुस्तान की पुलिस का एक जवान था, उसके घर किसी और दल का नेता क्यों नहीं गया?"

बिट्टा ने विचाराधीन कैदियों के जेल से फरार होने और मुठभेड़ की जांच कराने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बात पर असहमति जताई। उनका कहना है कि जांच सिर्फ जेल तोड़ने की होनी चाहिए, मुठभेड़ की नहीं।बिट्टा ने शहीद प्रहरी के निवास पर जाकर परिजनों से मुलाकात की और उनकी हर संभव मदद का आश्वासन दिया।यादव के परिवार से मिलने के बाद बिट्टा ने कहा, "दिग्विजय सिंह हमेशा आतंकवादियों की पैरवी करते हैं, पता नहीं उन्हें यह लाइसेंस किसने दे दिया है, वे तो कांग्रेस के लिए कैंसर बन गए हैं।"उन्होंने कहा, "दिग्विजय राज्य के 10 साल मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने यहां की सरकार राजाओं की तरह चलाई, वे आतंकवादियों का समर्थन करके कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"बिट्टा ने कहा, "ये (दिग्विजय) वे लोग हैं जो आतंकवादियों के समर्थन में खड़े हो जाते हैं, बाटला हाउस मुठभेड़ में पुलिस का अफसर शहीद हो गया था, मगर ऐसे (दिग्विजय) लोगों ने आतंकियों का समर्थन किया था, वह पुलिस अफसर किसी का पति, पिता व भाई था। भोपाल में भी जो जवान शहीद हुआ है वह भी किसी का पति, भाई और पिता है, मैं ऐसे परिवारों के दर्द को बेहतर तरीके से समझता हूं।"

इससे पहले बिट्टा ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। बिट्टा ने हाल ही में भोपाल में पुलिस द्वारा सिमी के विचाराधीन कैदियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की प्रशंसा की।बिट्टा ने कहा कि पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए सामाजिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश और जनता की सुरक्षा सवरेपरि है। उन्होंने कहा कि शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए भोपाल में शौर्य स्मारक बनाया गया है। गौरतलब है कि दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या कर फरार हो गए थे। फरार होने के आठ घंटे के भीतर को शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पुलिस के संयुक्त दल ने आठों को मुठभेड़ में मार गिराया था। एक वीडियो में ये विचाराधीन कैदी निहत्थे दिख रहे हैं, इसलिए मुठभेड़ पर सवाल उठा रहा है।