5 Dariya News

कांग्रेस को चुनावों में नुक्सान न हो, इस लिए टायटलर जैसे आरोपियों को बचा रहे हैं मोदी और बादल-हरविन्दर सिंह फूलका

नरिन्दर मोदी सरकार से एसवाईएल केस वापिस क्यों नहीं करवाते बादल-आप

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चंडीगढ़ 02-Nov-2016

पंजाब चुनाव के मद्देनजर केंद्र में शिरोमणी अकाली दल की हिस्सेदारी वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार 1984 में हुए सिक्ख कत्लेआम के जगदीश टायटलर और सज्जण कुमार जैसे आरोपियों को बचा रही है, ताकि पंजाब में होने वाले 2017 के अगामी चुनाव में कांग्रेस का नुक्सान न हो। बुधवार को यह गंभीर आरोप आम आदमी पार्टी (आप) ने लगाए हैं। चण्डीगढ़ में आप नेता कंवर संधू, लीगल सैल के प्रधान हिम्मत सिंह शेरगिल, सचिव गुलशन छाबड़ा और एडवोकेट दिनेश चड्डा के साथ संयुक्त प्रैस कांफ्रैंस को संबोधन करते हुए 1984 के सिक्ख कत्लेआम के पीडितों को इन्साफ दिलाने के लिए 32 साल से मुकदमे लड़ते आ रहे प्रसिद्ध वकील और आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता हरविन्दर सिंह फूलका ने आरोप लगाया कि 1984 के पीडित सिक्ख परिवारों को नरिन्दर मोदी की सरकार से भी इन्साफ की कोई उम्मीद नहीं बची, क्योंकि नरिन्दर मोदी सरकार भी कांग्रेस की सरकार की तरह जगदीश टायटलर जैसे आरोपियों को बचाने के रास्ते पर चल पड़ी है। सीबीआई की तरफ से जगदीश टायटलर विरुद्ध जांच को उसी तरह लटकाया जा रहा है, जिस तरह कांग्रेस लटकाती आ रही थी, जबकि दिसंबर 2015 में अदालत ने सीबीआई को सख्ती से निर्देश दिए थे कि टायटलर विरुद्ध जांच दो महीने के अंदर मुकम्मल की जाए। इस के उलट सीबीआई जांच लटकाती आ रही है और अब चार महीने ओर मांग लिए हैं, ताकि 2017 में पंजाब में होने वाले चुनावों तक जगदीश टायटलर बचा रहे। फूलका ने कहा कि जब तक भारतीय जनता पार्टी विरोधी पक्ष में थी, तब तक 1984 के सिक्ख कत्लेआम का मुद्दा याद था, परंतु सत्ता में आने पर कांग्रेस के रास्ते पर ही चल पड़ी है। उन्होंने कहा कि अफसोस इस बात का है कि मोदी सरकार में हिस्सेदार होने के कारण शिरोमणी अकाली दल भी इस गुनाह में बराबर की जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदम को रोकने के लिए मोदी, बादल और कैप्टन अमरिन्दर सब आपस में मिल गए हैं। 

फूलका ने दावा किया कि जगदीश टायटलर के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और उसको सजा होनी तय है, बावजूद इसके पंजाब कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से जगदीश टायटलर और कमलनाथ जैसे आरोपियों को कालीन चिट्टें बांटी जा रही हैं। इस मौके उन्होंने कैप्टन की तरफ से टायटलर और कमलनाथ को कालीन चिट्टें देने सम्बन्धित मीडिया में छपी खबरें भी पत्रकारों को दिखाई। फूलका ने कहा कि 2012 के चुनाव से पहले भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जगदीश टायटलर, कमलनाथ और सिक्ख कत्लेआम के अन्य आरोपियों को कालीन चिट्ट देते कहा था कि इन कांग्रेसी नेताओं को राजनैतिक कारणों के कारण फंसाया जा रहा है। फूलका ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह खुद को पंजाब कांग्रेस की अध्यक्षता और मुख्य मंत्री के उम्मीदवार बनाने की सौदेबाजी में आरोपी कांग्रेसी नेताओं को कालीन चिट्टें बांटता रहा है और अब बांट रहा है।फूलका ने कहा कि 1984 सिक्ख कत्लेआम के आरोपियों को सजा न होने के कारण देश में इस तरह के कत्लेआम की घटनाएं घटने लगी हैं, जो देश के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है। यदि उस समय सख्त संदेश जाता कि कानून सब से ऊपर है, तो देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले दंगों और कत्लेआम की घटनाएं न घटती। फूलका ने कहा कि प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी, प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिन्दर सिंह समेत कांग्रेसी नेताओं ने अपनी संकीर्ण राजनीति के लिए 1984 सिक्ख कत्लेआम जैसे अमानविया मुद्दे को बली चढ़ा दिया है। 

इस मौके कंवर संधू ने कहा कि यदि नरिन्दर मोदी और प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता 1984 के सिक्ख कत्लेआम के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सचमुच गंभीर होते तो फरवरी 2015 में गठित की गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) की तरफ से अब तक सभी बंद मामलों को फिर से खोल कर आरोपियों को सजा दिला दी गई होती। कंवर संधू ने दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल की सरकार को 1984 के सिक्ख कत्लेआम के बंद पड़े मामलों को फिर से खोलने के लिए एसआईटी बनाने की इजाजत देने की मांग करते कहा कि यदि मोदी सरकार ऐसा कर देती है तो अगले 6 महीने में अरविन्द केजरीवाल की सरकार सभी आरोपियों को सजा तय करवा देगी। चुनाव मनोरथ पत्र समिति के प्रमुख के तौर पर कंवर संधू ने बताया कि पंजाब में 1984 के सिक्ख कत्लेआम के पीडित परिवारों को इन्साफ और बनती मदद देने के लिए आम आदमी पार्टी अपने अंतिम मैनीफैस्टो में अपनी नीति और नीयत स्पष्ट करेगी। 

नरिन्दर मोदी सरकार से एसवाईएल केस वापिस क्यों नहीं करवाते बादल-आप

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्रैस कांफ्रैंस के द्वारा मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर पंजाब के लोगों के साथ सरेआम धोखा करने का आरोप लगाया। एचएस फूलका, हिम्मत शेरगिल और कंवर संधू ने कहा कि मंगलवार को अमृतसर में अरुण जेटली और अमित शाह की हाजिरी में प्रकाश सिंह बादल मगरमच्छ के आंसू बहाते हुए कह रहे थे कि यदि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पंजाब के खिलाफ आता है तो वह फैसला नहीं मानेंगे और हर ‘कुर्बानी देने के लिए तैयार रहेंगे। इसी तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह कह रहे हैं कि यदि फैसला पंजाब के उलट आता है तो वह लोक सभा सदस्यता समेत अपने सभी विधायकों से भी इस्तीफे ले लेंगे। आप नेताओं ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर और बादल ऐसी ब्यानबाजी करके किस को बेवकूफ बना रहे हैं? 

यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की नीयत साफ होती तो कैप्टन उस समय ही मुख्य मंत्री की कुर्सी को पंजाब के हितों के लिए कुर्बान कर देता, जब वह पंजाब में मुख्य मंत्री था और केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एसवाईएल का मामला सुप्रीम कोर्ट को रैफर किया था। इसी तरह यदि प्रकाश सिंह बादल सचमुच पंजाब के हितों के लिए सहृदय होते तो अपनी नरिन्दर मोदी सरकार से एसवाईएल का केस सुप्रीम कोर्ट से वापिस करवा लिया होता। इस मौके हिम्मत सिंह शेरगिल ने बताया कि यदि बादलों में रत्ती भर भी पंजाब प्रति प्यार और आत्म सम्मान होती तो जब नरिन्दर मोदी सरकार के सुलिस्टर जरनल रणजीत कुमार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब के खिलाफ और हरियाणा के हक में सख्त स्टैंड लिया गया था, तो बादल एक मिनट भी भाजपा की सरकार के हिस्सेदार न रहते और हरसिमरत कौर बादल को मोदी की कैबिनेट में से वापिस बुला कर पंजाब में भी भाजपा से अलग हो जाते, लेकिन यह पंजाब के साथ धोखे के इलावा कुछ नहीं कर रहे। 

1984 सिक्ख कत्लेआम विरुद्ध इन्साफ के लिए आप की तरफ से मोहाली में भूख हड़ताल 03-11-16 को 

आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से 1984 में सिक्ख कत्लेआम की 32वीं बरसी मौके पीडि़त सिक्ख परिवारों को इन्साफ और आरोपियों को सजा के लिए वीरवार को मोहाली के गुरुद्वारा श्री अम्ब साहिब के सामने एक दिवसीय भूख हड़ताल की जा रही है। आप नेता एचएस फूलका, हिम्मत सिंह शेरगिल, कंवर संधू और दिनेश चढ्डा ने इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि भूख हड़ताल में आप के वलंटियरों और समर्थकों समेत साभी प्रमुख लीडरशिप हिस्सा लेगी, जिन में आप के पंजाब कनवीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच, मैंबर पार्लियामेंट भगवंत मान, सचिव गुलशन छाबड़ा, हिम्मत सिंह शेरगिल, कंवर संधू, अमन अरोड़ा, दिनेश चढ्डा, को-इंचार्ज और दिल्ली से विधायक जरनैल सिंह, सुखपाल सिंह खहरा आदि शामिल होंगे।