5 Dariya News

मनोरोग के कारणों और इलाज के बारे में जागरूकता प्रसार आवश्यक : फग्गन सिंह कुलस्ते

स्वास्थ्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए रोकथाम, इलाज और पुनर्वास से मनोरोग का समाधान आवश्यक : अनुप्रिया पटेल

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नई दिल्ली 10-Oct-2016

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि समुदाय और देश के रूप में हमें सामूहिक रूप से मनोरोग के कारण और उपलब्ध इलाज के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। तभी मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति सामान्य रूप से सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सकेगा। श्री कुलस्ते विश्व मानसिक दिवस के अवसर पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।श्री कुलस्ते ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से पीड़ित व्यक्ति सामाजिक अलगाव महसूस करता है, उसके साथ भेदभाव किया जाता है और परिणाम यह होता है कि पीड़ित व्यक्ति का समायोजन संघर्ष के कारण स्वास्थ्य सेवा से दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक संवेदी बनाने के लिए एक साथ काम करना होगा और मनोरोगी के प्रति उत्तरदायी होना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि मनोरोगी का इलाज के बाद पुनर्वास आवश्यकव है ताकि वह व्यक्ति उत्पादक और सार्थक जीवन जी सके और समाज के हाशिये पर न रहे।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि केवल शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ रहना ही स्वस्थ होना नहीं कहा जाएगा। संपूर्ण रूप से स्वस्थ रहने का अर्थ है जीवन में भावनात्मक रूप से संतुलित रहना, सही सोच रखना और अपनी संवेदना व्यक्त करना और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना। 

उन्होंने कहा कि रोकथाम, इलाज और रोगी के पुनर्वास से मानसिक बीमारी की समस्या का हल ढूंढा जाना चाहिए और यह हमारे स्वास्थ्य उद्देश्य को हासिल करने के लिए आवश्यक है। इसका उत्पादकता बढ़ाने पर सार्थक प्रभाव पड़ेगा। मनोरोगी समाज के कमजोर वर्ग से आता है और उसके साथ भेदभाव किया जाता है। उन्होंने कहा कि मनोरोगी का परिवार वित्तीय कठिनाई, भावात्मक कठिनाई, इलाज तथा देखभाल का बोझ सहता है। उनके आसपास का माहौल स्वस्थ होने लायक, और समाज में पूरी भागीदारी के लायक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के अनुसार चार में से एक व्यक्ति अपने जीवन काल में कम से कम एक बार मानसिक बीमारी से प्रभावित होगा। 2005 से उपलब्ध डाटा के अनुसार भारत में 6 से 7 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित है। मानसिक बिमारियां अस्वस्थता के प्रमुख कारण के रूप में उभर रही हैं। इन बिमारियों में अवसाद, दो धुव्री मनोदशा विकार, दुष्चिंता विकार, व्यक्तित्व विकार, मतिभ्रमता, अन्य उपयोग विकार शामिल हैं। 

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मनोरोग के क्षेत्र में और प्रशिक्षित तथा कुशल मानव शक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अतंर्गत निवेश कर रही है ताकि बड़ी खाई पाटी जा सके।समारोह में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एएस और डीजी श्री के. बी. अग्रवाल, विशेष डीजीएचएस डॉ. बी. डी. अथानी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। संस्‍कृति मंत्रालय 11 अक्तूबर, 2016 से 11 अक्‍तूबर, 2017 तक नानाजी देशमुख की जन्म शताब्दी का आयोजन कर रहा है  संस्कृति मंत्रालय 11 अक्‍तूबर, 2016 से 11 अक्‍तूबर 2017 तक "नानाजी देशमुख की जन्म शताब्दी का आयोजन कर रहा है। इस अवधि के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। इस स्मरणोत्सव के तहत गतिविधियों के एक हिस्‍से के रूप में आज नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली में उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती, संस्कृति और पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ महेश शर्मा, संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री एन. के. सिन्हा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी और अन्य मेहमानों ने नानाजी देशमुख पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसके बाद दीप प्रज्जवलित करके महान नेता नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी और विशेष अतिथि सुश्री उमा भारती ने नानाजी देशमुख के जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रकाश डाला। उन्‍होंने नानाजी देशमुख के साथ अपनी-अपनी यादों और अच्‍छे संबंधों के बारे में जानकारी साझा की।सभा को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्री, डॉ महेश शर्मा ने कहा कि नानाजी देशमुख एक महान व्यक्ति थे, जिन्‍होंने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी भी कार्य को राष्ट्रवाद की भावना के साथ किया जाता है तो उसकी सफलता निश्चित रहती है। वे चाहते थे कि समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति तक सभी सुविधाओं का लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने चित्रकूट के पर्यटन के विकास के लिए 43 करोड़ की राशि स्‍वीकृत की है। संस्कृति मंत्रालय आईजीएनसीए, जनपथ, नई दिल्ली के परिसर में 15 से 23 अक्टूबर 2016 तक ग्रामीण भारत पर आधारित राष्‍ट्रीय संस्कृति महोत्‍सव-2016 का आयोजन कर रहा है। इस महोत्‍सव में भारतीय कला और परंपराओं के प्रदर्शन के अलावा संस्कृति मंत्रालय के अधीन सभी सातों क्षेत्रीय सांस्‍कृतिक केन्‍द्र, कला और संस्‍कृति के शो आयोजित करेंगे और विभिन्‍न स्‍टालों के माध्‍यम से खाद्य संस्‍कृति का भी प्रदर्शन किया जाएगा।नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान संस्थान के महासचिव श्री अतुल जैन ने सभा को संबोधित किया और नानाजी देशमुख के जीवन पर प्रकाश डाला। संस्‍कृति सचिव श्री एन. के. सिन्हा ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन दिया।