5 Dariya News

पंजाबी सूबे की 50वीं वर्षगांठ को सपर्पित समागमों की शुरूआत 10 अक्टूबर से-डॉ. दलजीत सिंह चीमा

पंजाबी राज्य को समर्पित राज्य स्तरीय भाषण मुकाबलों से फतेहगढ़ साहिब से होगी शुरूआत

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चंडीगढ़ 08-Oct-2016

पंजाब सरकार द्वारा बड़े स्तर पर मनाये जा रही पंजाबी सूबे की 50वीं वर्षगांठ को समर्पित समागमों का एलान कर दिया गया है। 10 अक्टूबर को फतेहगढ़ साहिब में पंजाबी राज्य को समर्पित राज्य स्तरीय भाषण मुकाबलों से समागमों की शुरूआत होगी तथा समागमों का समापन एक नवंबर को अमृतसर में विशाल कान्फ्रेंस से होगा। यह एलान पंजाबी सूबे के समागमों की रूपरेखा बनाने के लिए बनाई गई कमेटी के प्रधान तथा शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बैठक में कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के पश्चात किया। पंजाब भवन में समागमों की रूपरेखा बनाने के लिए बनाई गई कमेटी की बैठक के पश्चात प्रैस बयान में डॉ. चीमा ने कहा कि तीन सप्ताह तक चलने वाले समागमों में समस्त पंजाबियों की भागेदारी होगी। संस्कृति, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं भाषांए, खेल, सूचना एवं लोक संपर्क, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, सामाजिक सुरक्षा तथा स्त्री एवं बाल विकास, प्रवासी भारतीय मामले, स्वतंत्रता संग्रामी विभागों द्वारा इन तीन सप्ताह के दौरान पंजाब के विभिन्न स्थलों पर 80 के लगभग समागम करवाये जायेंगे। इन समागमों में मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल एवं उपमुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल विशेष तौर पर शामिल होंगे और राष्ट्रीय नेताओं को भी विशेष निमंत्रण दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त पंजाबी राज्य के संघर्ष के लिए कुर्बानियां देने वाले संघर्षी योद्धा तथा विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाली पंजाब से संबंधित हस्तीयां इन समागमों की शोभा बढ़ायेंगी और इनको सम्मान्नित भी किया जायेगा। 

डॉ. चीमा ने बताया कि 20 अक्टूबर को लुधियाना में पंजाबी सूबा विद्यार्थी उतस्व होगा जिसमें 30 हजार से अधिक विद्यार्थी शमिल होंगे। समागमों के दौरान अमृतसर में श्री दरबार साहिब को जाती सड़क जिसको विरासती रूप क ो बहुत सुंदर बनाया जा रहा है, का उद्घाटन भी होगा। 27 अक्टूबर को संत फतेह सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर बदियाला (बठिंडा) में ढाडीवार गायन का समागम करवाया जायेगा। 31 अक्टूबर की रात्रि को अमृतसर में रंगारंग समागम होगा और 1 नवंबर को अमृतसर में विशाल कान्फ्रें स से समागमों का समापन होगा। उन्होंने बताया कि पंजाबी सूबे के निर्माण के लिए पंजाबियों ने अथक प्रयास करते हुये बड़ी कुर्बानियां दी। डॉ. चीमा ने बताया कि इन समागमों के द्वारा पंजाब के बच्चों एवं नवयुवकों को पंजाब के अमीर विरसे, मातृ-भाषा, साहित्य, संस्कृति से जोड़ा जायेगा और इनको पंजाबियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों से अवगत् करवाया जायेगा। कार्यक्रमों की विस्तार में जानकारी देते हुये डॉ. चीमा ने बताया कि स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में विभिन्न प्रतियोगिताओं के राज्य स्तरीय मुकाबले करवाये जायेंगे जिनमें विरासती खेल, भाषण मुकाबले, लोकनाच, लोक-साज, सुंदर लिखाई, पहरावा, प्रर्दशनी, विरासती मेले, क्विज़, गोष्ठी, साहित्य गोष्ठी, पुस्तक प्रर्दशनी आदि शामिल होंगे। भाषा विभाग साहित्य गोष्ठी एवं कवि दरबार करवायेगा। इसके साथ पंजाबियों की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों और आधुनिक पंजाब संबंधी पुस्तक भी प्रकाशित की जायेगी। 

पंजाब से बाहर देशों विदेशों में बैठे प्रवासी पंजाबियों को ऑन लाइन पंजाबी सिखाने के लिए पंजाबी पोर्टल बनाया जा रहा है ताकि प्रवासी पंजाबी घर बैठे पंजाबी कोर्स का प्रशिक्षण ले सकें और परीक्षा भी दे सकें।संस्कृतिक मामले विभाग द्वारा चप्परचिड़ी (मोहाली), गुरदासपुर, जालंधर, बठिंडा ने संगीत संमागम करवाये जायेंगे और खेल विभाग द्वारा हर जिले में अंडर 14 एवं 17 वर्ग में 5-5 खेलों के जिला स्तरीय मुकाबले करवाये जायेंगे जिनके विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिये जायेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग तथा सामाजिक सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग द्वार सेल्फ हेल्प ग्रुपों द्वारा तैयार वस्तुओं की प्रत्येक जिले में प्रर्दशनियां लगाई जायेंगी।बैठक के दौरान श्री संजय कुमार, प्रमुख सचिव एनआरआई मामले, श्री राहुल तिवारी, सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, श्री राहुल गुप्ता, निदेशक खेल विभाग, श्री सुखविंदर सिंह, विशेष सचिव वित्त, श्री उमा शंकर, संयुक्त सचिव, सूचना और जनसंपर्क विभाग, डॉ. सेनू दुग्गल, निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, श्री बलबीर सिंह ढोल, डीपीआई (सकैंडरी शिक्षा), श्री टी के गोयल, डीपीआई (कॉलेज), श्री एम एस कंग, कार्यक्रम प्रबंधक, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास, श्री के एल मलहोत्रा एफ सी एस, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों, श्री सुरिंदर मलिक, संयुक्त निदेशक, सूचना और जनसंपर्क विभाग, श्री रूपिंदर रवि, उप निदेशक, खेल विभाग, श्री मेवा सिंह, उप निदेशक (शारीरिक शिक्षा), डॉ. गिनी दुग्गल, उप निदेशक, एससीईआरटी भी उपस्थित थे।