5 Dariya News

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ली कारबूज़ीए को समर्पित दो दिवसीय 'ली कारबू फैस्ट -२०१६ शानो शौकत के साथ आरंभ

चंडीगढ़ पिछले आधुनिक भारत की शहरी योजनाबंदी का गौरवमई प्रतीक - आरकीटैकट एस. डी. शर्मा

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घड़ूंआं 05-Oct-2016

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं में आज यहाँ दो दिवसीय 'ली कारबू फैस्ट -२०१६  शानो शौकत के साथ आरंभ हो गया। चंडीगढ़ शहर के विश्व प्रसिद्ध योजनाकार ली कारबूज़ीए के १२९वें जन्म दिवस को समर्पित इस दो दिवसीय आर्किटेक्चर फेस्टिवल का उद्घाटन चंडीगढ़ के डिज़ाइन निर्माण समय ली कारबूज़ीए के साथ काम कर चुके भारत के प्रसिद्ध आर्कीटैकट एस. डी. शर्मा ने अपने कर कमलों के साथ किया। इस मौके उन्होंने यूनिवर्सिटी के आरकीटैकट विभाग के विद्यार्थियों को संबोधन करते कहा हुए कि चंडीगढ़ पिछले कई दशकों से आधुनिक भारत की शहरी योजनाबंदी का गौरवमई प्रतीक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी यह खुशकिस्मती है कि चंडीगढ़ शहर का डिज़ाइन निर्माण ली कारबूज़ीए जैसे प्रसिद्ध फरांसीसी योजनाकार की तरफ से तैयार किया गया है।श्री एस. डी. शर्मा ने इस मौके इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के इछुक्क विद्यार्थियों और योजनाकारें को अपने न1शे तैयार करते समय दूरदर्शी नज़रिया आपनाने का न्योता देते हुए कहा कि यह ली कारबूज़ीए की दूरअन्देशी सोच का ही निष्कर्ष है कि ५ लाख की आबादी के लिए तैयार किया गया चंडीगढ़ शहर का डिज़ाइन आज १२ लाख की आबादी के लिए भी उपयुक्त साबित हो रहा है। उन्होंने आरकीटैकट विद्यार्थियों को केवल पैसे पीछे भागने की बजाय नैतकिता का पल्ला पकडऩे की नसीहत देते हुए कहा कि हमें डिज़ाइन तैयार करते समय कुदरत का सब से अधिक आसरा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ली कारबूज़ीए द्वारा चंडीगढ़ की योजना तैयार करते समय कुदरती रौशनी और इमारतों की छाया का विशेष ख़्याल रखा गया था। 

श्री शर्मा ने बताया चंडीगढ़ शहर के प्रोजै1ट के लिए प्रसिद्ध  फऱांसीसी आरकीटैकट ली कारबूज़ीए भारत सरकार की पहली पसंद नहीं थे 1योंकि पहले इस प्रोजै1ट की जि़6मेदारी अमरीका के प्रसिद्ध आरकीटैकट मैथ्यू नौविकी को सौंपी गई थी, परन्तु उनकी अचानक मौत होने जाने के कारण यह जि़6मेदारी इंग्लैंड की आरकीटैकट जोड़ी ई. मैकसवैल्ल फरायी और उनकी पत्नी जैने बी. ड्रयू को दी गई। उन्होंने बताया कि ली कारबूज़ीए को यह जि़6मेदारी ई. मैकसवैल्ल द्वारा इस प्रोजै1ट के लिए सब से उचित आरकीटैकट के तौर पर सुझाए जाने के बाद सौंपी गई। श्री शर्मा ने आरकीटैकट के पेशे को समाज और राष्ट्रीय हितों के लिए बेहद अहम मुद्दा बताते हुए कहा कि बढ़ती जनसं2या के सदका आज भारत के बहुत से शहर ट्रैफि़क की समस्या का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले आरकीटैकटों को भविष्य में इन समस्याओं के हल और हमारे शहरों को असल मायनों में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रचलित रिवायती योजना तकनीकों से दूर जाकर सोचना पड़ेगा। उन्होंने इस मौके ईमारतसाज़ी के साथ जुड़े नये योजनाकारों  को इस क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए एकाग्रता, मुलांकन और आधुनिकता आदि तीन प्रमुख मुद्दों की तरफ विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया। 

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. बी. एस. सोही ने कहा कि किसी भी ईमारत का डिज़ाइन व्यक्ति के निजी जीवन और समाज पर गहरा प्रभाव डालता है। इस लिए हमारे योजनाकारों को कुदरती स्रोतों के साथ जुड़े डिज़ाइन और तकनीक  विकसित करने •ारु रत है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शी और कम खर्च वाले डिज़ाइन तैयार करके भी राष्ट्रीय हितों को बड़ा लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ली कारबूज़ीए द्वारा दुनिया के आधुनिक शहर चंडीगढ़ की योजनाबंदी समय कुदरत को विशेष अहमीयत दिए जाने के फ़ैसले ने चंडीगढ़ शहर के लोगों की सेहत और मानसिकता पर दूरगामी और रचनात्मिक प्रभाव डाला है। इस लिए आज के पीढ़ी को नये डिज़ाइन तैयार करते समय उनसे सीध लेने की ज़रूरत है। इस मौके इमटैक्क के प्रमुख निर्देशक और गुरू गोबिन्द सिंह जी के ३५० बर्षीय प्रकाश पर्व पर तख़्त श्री पटना साहब के नवीनीकरन के प्रोजै1ट के प्रमुख मनूं भटनागर ने भी विशेष मेहमान के तौर पर अपने विचार प्रकट किये।