5 Dariya News

ई ट्रेडिंग प्रणाली शुरू करके किसानों व आढ़तियों के रिश्ते खराब करना चाहती है सरकार- अभय चौटाला

किसानों की दुर्दशा के लिए कांगे्रस व भाजपा समान रूप से दोषी- अभय चौटाला

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चंडीगढ़ 05-Oct-2016

इनेलो के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश के किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस और भाजपा को समान रूप से दोषी ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस ने जहां 10 वर्ष के शासनकाल में किसानों की जमीनें लूटने का काम किया, वहीं अब भाजपा सरकार पिछले दो वर्ष से किसानों की फसल लूटने का काम कर रही है। कांग्रेस ने जहां बिल्डरों को मालामाल किया, वहीं भाजपा ने फसल बीमा योजना के नाम पर प्राइवेट बीमा कंपनियों को मालामाल कर दिया है।  अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार ऑन लाइन खरीद की प्रणाली शुरू करके किसान और आढ़ती के बीच खटास पैदा करके उनके रिश्तों को खराब करने पर  तुली हुई है। आढ़ती किसान का एटीएम होता है। दुख सुख में किसान आढ़ती से किसी भी समय राशि ले लेता है। ऑन लाइन ई ट्रेडिंग प्रणाली शुरू होने से खरीद की फसल का पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा, जिससे आढ़तियों को पैसा डूबने का हर वक्त संदेह बना रहेगा और इस आपसी अविश्वास के कारण दोनों के बीच रिश्ते खराब होंगे। अभय चौटाला ने बुधवार को थानेसर, पीपली, ठोल, लाडवा, बाबैन, शाहाबाद, झांसा, इस्माईलाबाद व पेहवा मंडी सहित अनेक मंडियों में किसानों व व्यापारियों की समस्याएं सुनने के बाद ये बात कही। इस अवसर पर इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप, पूर्व कृषि जसविंद्र सिंह संधू, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा भी उनके साथ थे। 

अभय चौटाला ने मंडियों का दौरा करके किसानों व व्यापारियों की समस्याओं को सुना और कहा कि वे शीघ्र ही किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।  किसानों व व्यापारियों से मिलने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी नीतियां बना रही है। पहले फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के बैंक खातों से जबरदस्ती प्रीमियम की राशि काट कर प्राइवेट कंपनियों को मालामाल किया गया और अब किसानों की धान की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल कम पर खरीदी जा रही है। आश्चर्यजनक बात तो ये है कि जे फार्म सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1510 रुपये प्रति क्विंटल के काटे जा रहे हैं , लेकिन किसान को पूरा पैसा न देकर लूटने का काम किया जा रहा है। यह घोटाला सरकार की मिलीभगत से ही हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि वे मंडियों का दौरा करने के पश्चात गांव गांव में जाकर किसानों को लामबद्ध करेंगे और उनका बीमा प्रीमियम की राशि व धान की फसल का काटा गया पैसा वापिस दिलाने के लिए सडक़ों पर उतरेंगे। अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार ऑन लाइन खरीद की प्रणाली शुरू करके किसान और आढ़ती के बीच खटास पैदा करके उनके रिश्तों को खराब करने पर  तुली हुई है। आढ़ती किसान का एटीएम होता है। दुख सुख में किसान आढ़ती से किसी भी समय राशि ले लेता है। ऑन लाइन ई ट्रेडिंग प्रणाली शुरू होने से खरीद की फसल का पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा, जिससे आढ़तियों को पैसा डूबने का हर वक्त संदेह बना रहेगा और इस आपसी अविश्वास के कारण दोनों के बीच रिश्ते खराब होंगे।

अभय चौटाला ने मांग की कि धान की खरीद में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 21 प्रतिशत की जाए और सरकार मिलिंग के लिए जो धान शैलर वालों को देती है, उसमें चावल की निकासी की मात्रा 67 किलो से घटाकर 64 किलोग्राम की जाए। नेता प्रतिपक्ष ने याद दिलाया कि इनेलो के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने राईस मिल मालिकों को राहत देते हुए चावल निकाली की मात्रा 67 किलो से घटाकर 64 किलो की थी और नमी होने के बावजूद किसानों की धान की फसल का एक एक दाना एमएसपी पर खरीदा गया था। इनेलो नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के शासनकाल में 12 हजार किसानों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजे हैं। इस प्रकार भाजपा सरकार किसानों को आयकर के दायरे में लाना चाहती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर कड़े प्रहार करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने पहले ही कहा था कि यह अनुभवहीन सरकार है और अब तो मुख्यमंत्री ने स्वयं स्वीकार किया है कि पहला वर्ष तो उन्हें कामकाज समझने में लग गया और दूसरा वर्ष योजनाएं बनाने में लग गया। उन्होंने कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। 

30 साल पुरानी चावल नीति में किया जाए बदलाव- अशोक अरोड़ा

इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि धान की खरीद का सरकारी एजेंसियों ने पिछले नौ दिन से कोई भुगतान नहीं किया है,जबकि सरकार दावा करती है कि 48 घंटे में धान की फसल की खरीद का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सरकारी एजेंसियों की ओर बकाया है। धान की खरीद राशि का भुगतान न होने से आढ़ती और किसान दोनों परेशान हैं। उन्होंने 30 साल पुरानी चावल नीति में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा कि किसानों को राहत देने के लिए धान की खरीद में नमी की मात्रा बढ़ाकर 21 प्रतिशत की जाए और चावल की निकासी 67 किलोग्राम से घटाकर 64 किलोग्राम की जाए,  जिससे व्यापारियों व किसानों दोनों को ही राहत मिलेगी।  अशोक अरोड़ा ने मांग की कि जिस भाव किसान की धान की फसल खरीदी जाती है, जे फार्म भी उसी राशि का कटना चाहिए। उन्होंने धान खरीद में पिछले वर्ष की तरह इस बार भी बहुत बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया। इस मौके पर बूटा सिंह लुखी, जिला प्रधान कुलदीप सिंह मुलतानी, रामकरण काला, माया राम चंद्रभानपुरा, नरेंद्र शर्मा, विवेक मेहता विक्की, तरसेम हरियापुर, जगतार सिंह काजल, रणबीर किरमिच, मोहित सैनी, जसविंद्र खैरा, सुनील राणा, सुलतान ब्राह्मण माजरा सहित पार्टी के अनेक नेता भी मौजूद थे।