5 Dariya News

जगमीत बराड़ का मलेरकोटला में आप व लोक हित अभियान वर्करों द्वारा स्वागत

सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की व किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की

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मलेरकोटला 02-Oct-2016

जगमीत सिंह बराड़ का मलेरकोटला में एक शानदार रोड शो के साथ स्वागत किया गया, जो लोक हित अभियान व आम आदमी पार्टी की लोकल युनिटों द्वारा संयुक्त तौर पर आयोजित किया गया था। रोड शो शहर के मुख्य बाजारों में से होता हुआ निकला, जिसका स्थानीय निवासियों द्वारा कई जगहों पर फूलों की वर्षा करके स्वागत किया गया। बाद में बराड़ ने आप व लोक हित अभियान के वर्करों को होटल इंपायर में संबोधित करते हुए कहा कि उनके द्वारा चुनावों के दौरान शानदार जीत दर्ज करने हेतु की जा रही मेहनत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मलेरकोटला के लोगों से मिले प्यार व वर्करो और समर्थकों के मध्य उत्साह को देखकर वह बहुत प्रभावित हुए हैं, जो आप की रिकॉर्ड अंतर से जीत सुनिश्चित करेंगे।इस अवसर पर उन्होंने मलेरकोटला में सभी धर्मों के मध्य आपसी भाईचरो की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मलेरकोटला धर्मों व नस्लों का संगम है, वह भारत व पाकिस्तान के नेताओं को दोबारा बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की अपील करते हैं। 

सीमापार आतंकवाद, सर्जीकल सैनिक हमले, पानी रोकना, लोगों को एक-दूसरे से मिलने से रोकने से किसी समस्या का हल नहीं निकलने वाला।इस दौरान अपने तीन दिवसीय सीमावर्ती कैंपों के दौरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे 1947 हो, 1965 या फिर 1971, दोनों तरफ सबसे ज्यादा नुक्सान पंजाबियों का हुआ है। पंजाब बंट गया, पंजाबी मारे गए, पंजाब ने सबसे ज्यादा बुरा वक्त झेला। आज एक बार फिर से पंजाब सेना के साथ पहली कतार में खड़ा है, परंतु क्या पंजाब के बलिदान का हमारी सरकार ने मूल्य डाला है?सरहदी जिलों के शरणार्थी कैंपों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग परेशान व डरे हुए हैं। उन्होंने हजारों ट्रालियों व छोटे ट्रकों को समान भरकर कैंपों की ओर जाते देखा है, जहां बहुत कम इंतजाम हैं अैर कोई जानकारी नहीं है। यह स्थानीय लोगों में डर व भय पैदा कर रहा है।उन्होंने आखिर में कहा कि किसान पहले ही ऋणों के भार तले दबे हुए हैं, जिन्हें अब पकी फसलें छोडऩे को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में यदि सरकार ने तुरंत मुआवजा न दिया, तो पंजाब की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और नीचे खिसक जाएगी, जो आगामी दिनों में और आत्महत्याओं का कारण बनेगी। आज हम गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस मनाते हैं, इसलिए गांधी का शांति व शास्त्री का जय जवान, जय किसान का संदेश साथ चलना चाहिए। हमने उड़ी व पठानकोट में अपने शहीदों का बदला ले लिया है, अब हमें किसानों के साथ खडऩा चाहिए।