5 Dariya News

भारत और कनाडा के बीच तीसरी वार्षिक मंत्रिस्तरीय वार्ता

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कनाडा 29-Sep-2016

वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 29 सितंबर, 2016 को आयोजित हो रहे तीसरी वार्षिक मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेने के लिए टोरंटो, कनाडा पहुंच गया है।यह माना जाता है कि भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की भारी संभावनाएं हैं लेकिन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार क्षमता के अनुरूप नहीं है। दोनों पक्षों ने माना है कि व्यापार को बढ़ावा देने में अपार क्षमता और आपसी हित दोनों है। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2015 में कनाडा की अपनी ऐतिहासिक द्विपक्षीय यात्रा के दौरान, भारत-कनाडा साझेदारी के लिए द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों के महत्व पर बल दिया था। अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार और निवेश के दो तरफा विस्तार के आधार पर विदेशी निवेश संवर्धन एवं संरक्षण करार (एफआईपीए) को शीघ्र अंतिम रूप देने की स्वीकृति दी और साथ ही प्रगतिशील, संतुलित, और पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर भी तेजी से काम करने की जरूरत पर बल दिया।

संभावना और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है, इसी आधार पर दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के बीच निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है----

1. एफआईएफए और सीईपीए के जरिए शीघ्र निष्कर्ष पर पहुंचने हेतु तरीके खोजना

2. कनाडा के अस्थायी विदेशी कामगार कार्यक्रम (टीडब्ल्यूईपी) हेतु भारतीय हित के लिए संभावनाएं तलाशना जिससे भारतीय आईटी उद्योग प्रभावित हो रहा है/ भारतीय जैविक उत्पाद के निर्यात के लिए कनाडाई खाद्य निरीक्षण एजेंसी द्वारा तुल्यता को संबोधित करना/ और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों की खोज इसके साथ ही दोनों नेता दोनों देशों के बीच हाल ही में वाणिज्यिक उपलब्धियों जैसे द्विपक्षीय एफडीआई, बौद्धिक संपदा से संबंधित मुद्दों बारे में चर्चा करने की उम्मीद कर रहे हैं तथा इसके साथ ही व्यापार और निवेश से जुड़े और भी मुद्दों पर पर चर्चा की उम्मीद है।इसके अलावा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का 30 सितंबर 2016 को कनाडा के कई बड़े व्यापारियों से भी मिलने का कार्यक्रम निर्धारित है, जहां उनके साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए भारत में किए गए विभिन्न सुधारों और संभावनाओं पर चर्चा करेंगी।