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पंजाब ने डा. अंबेडकर की विचारधारा को सही अर्थों में लागू किया - सुखबीर सिंह बादल

डा. भीमराव अंबेडकर जी की १२५वीं जन्म सालगिरह संबंधी अमृतसर में हुआ राष्ट्रीय सैमीनार

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अमृतसर 23-Sep-2016

उप-मुख्यमंत्री पंजाब सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि केवल पंजाब ही ऐसा राज्य है जिस ने बाबा साहिब डा. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को सही अर्थों में लागू किया है। वे आज गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में भारत रतन बाबा डा. भीम राव अंबेडकर जी की १२५वीं जन्म सालगिरह के संबंध में किए जा रहे ६ राष्ट्रीय सैमीनारों की लड़ी के चौथे सैमीनार को संबोधित कर रहे थे। खचाखच भरे दसमेश आडीटोरियम में बाबा साहिब तथा संविधान विष्य पर करवाए गए इस राष्ट्रीय सैमीनार के मौके पर डा. अंबेडकर को श्रद्धांजली देते हुए उन्होंने घोष्णा की कि नवंबर में हो रहे विश्व कबड्डी कप का नाम डा. अंबेडकर विश्व कबड्डी कप होगा तथा पंजाब में खोली जा रही मु त दवाइयों की २६०० दुकाने भी डा. अंबेडकर के नाम पर होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की सभी यूनिवर्सिटयों में महान श िसयतों की जीवनियों तथा उनकी विचारधारा संबंधी विष्य लाजमी किए जाएगे ताकि हमारी आने वाली पीढ़ीयां उनकी सोच को अपना कर अपना चरित्र निर्माण कर सकें। स. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में अलग अलग धर्मों व जातियों के लोग शांति, प्रेम तथा भाईचारे से रहते है तथा यहां सारे धर्मों का बराबर स मान किया जाताहै। उन्होंने कहा कि इस का सबूत इस बात से मिलता है कि माहौल खराब होने पर भी यहां कही भी दंगे फसाद नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अपना विरसा तथा स यचार को संभालने के मकसद से पंजाब सरकार ने जहां विशाल यादगारों का निर्माण किया है वही धार्मिक स्थानों को खूबसूरत बनाने के लिए बड़े प्रयास किए है, जिन में रामतीर्थ में भगवान वाल्मीकि जी की यादगार, खुरालगढ़ में गुरु रविदास यादगार तथा दुरगियाणा मंदिर के सौंदयकर्ण के काम शामिल है।

स. बादल ने कहा कि पंजाब में दलितों की आबादी ३१.६ फीसदी है जब कि समूह भारत में केवल १६ फीसदी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने गरीब तथा कमजोर वर्ग के लिए आटा दाल स्कीम, शगुन स्कीम, मकानों व शौचालयों के निर्माण, वजीफा स्कीमों, मु त किताबों, मु त बिजली, हुनर विकास के लिए मु त तक्नीकी शिक्षा तथा ट्रैनिंग, बच्चों की मु त पढ़ाई आदि कई अनेक भलाई स्कीमों को शुरु किया है। इसके अलावा गांवों में धर्मशाला तथा शहरों में डा. अंबेडकर भवनों का निर्माण करवाया गया है और अनुसूचित जाति के उपर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए प्रौटेक्शन सैलों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि २००६-०७ में एससीएसटी स्कालर्शिप की जो राशि केवल १३ करोड़ रुपये थी वे अब बढ़ा कर ६०० करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियों को हासिल किया है तथा जहां यहां के स्टूडेंट्स बाहर के राज्यों में पढऩे के लिए जाते थे अब दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स यहां पढऩे के लिए आ रहे है। उन्होंने कहा कि आईआईटी रोपड़, आईआईएम अमृतसर, ऐ ज बठिंडा तथा इंडिया स्कूल आफ बिजनैस मोहाली आदि से यहां की शिक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है। गुरु नगरी अमृतसर संबंधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि अक्तूबर के अंत तक यहां सभी विकास प्रौजेक्ट पूरे होने से यह बहुत ही खूबसूरत शहर बन कर अंतराष्ट्रीय टूरिज्म हब के तौर पर पहचाना जाएगा। उन्होंने कहा कि हमे डा. अंबेडकर जी की सोच पर पहरा देने की जरुरत है और पंजाब इस संबंधी एक रोल माडल बनेगा।

समागम में मु य मेहमान के तौर पर शामिल हुए पांडूचेरी के लै टीनैंट गर्वनर डा. किरण बेदी ने इस मौके पर कहा कि अगर हम थोड़ा सा भी डा. अंबेडकर के जैसे बन जाए तो देश बदल सकता है। उन्होंने आमंत्रण दिया कि हमे अपने गुरुओं, संतों तथा महान श िसयतों की जिंदगी से दिशा लेकर अपना चरित्र निर्माण करना चहिए। उन्होंने नौजवानों को कहा कि दश की वागदौड़ उनके हाथ है तथा उनको फेसबुक आदि का त्याग कर सैल्फ एजुकेशन लेनी चाहिए तथा अधिक से अधिक समय ज्ञान हासिल करने तथा खेलों की तरफ लगाना चाहिए। इसी तरह कानून का पालन करना, वायदा निभाना तथा स्व: विश्वास बहुत ही जरुरी चीजे है। उन्होंने कहा कि हम को स्वच्छ भारत मुहिम का हिस्सा बन कर अपने आस पास की सफाई को सुनिश्चत करना चाहिए। उन्होंने गरीबों व पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए पंजाब सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की प्रशंसा की।विधान सभा के स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल ने इस मौके पर डा. अंबेडकर तथा उनकी महान देन पर जानकारी देते हुए कहा कि डा. अंबेडकर की विचारधारा ७० साल पहले भी कारगर थी तथा आज भी कारगर है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विभिन्नता से भरे देश का संविधान तैयार करना बहुत बड़ा काम था जो डा. अंबेडकर ने कर दिखाया। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर महान विद्वान, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, कानूनदान, संविधान निर्माता, दूर की सोच तथा अधिकारों के माहिर थे। 

उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर ने कवल दलितों के बारे में ही नहीं सोचा बल्कि सारी मानवजाति तथा सांझ के बारे में सोचा। उन्होंने कहा कि उनकी दूर की सोच को समकाली नहीं समझ सकें तथा उनकी १९५५ में मध्य प्रदेश तथा बिहार को दो भागों में बांटने की बात को ५० साल बाद  अमली जामा पहनाना पड़ा। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने इस मौके पर कहा कि डा. अंबेडकर एक हरफनमौला व्यक्ति थे। जिन्होंने लोकतंत्र तथा समानता वाला संविधान रच कर एक महान काम किया। मैंबर पार्लियामैंट श्री शवेत मलिक ने इस मौके पर कहा कि डा. अंबेडकर ने समानता का अधिकार दिलवा कर समाज में से भेदभाव का दाग मिटा दिया तथा हम को उनकी विचारधारा से प्रेरणा लेनी चाहिए।इस मौके पर कैबनिट मंत्री स. गुलजार सिंह राणीके श्री अनिल जोशी, विधायक स. बलजीत सिंह जलालउसमा, पंजाब राज्य अनुसूचित जातियां कमिश्न के चेयरमैन श्री राजेश बाघा, जिला योजना कमेटी के चेयरमैन स. वीर सिंह लौपोके, अकाली दल के जिला शहरी प्रधान गुरप्रताप सिंह टिक्का, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डा. अजायब सिंह बराड़, मेयर श्री ब शी राम अरोड़ा तथा अन्य श िसयतें शामिल थी। इन राष्ट्रीय सैमीनारों के कनवीनर स. इंदर इकबाल सिंह अटवाल ने मंच का संचालन बाखूबी किया।