5 Dariya News

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में भारत और वियतनाम के नीतिगत और बहु-पासारी संबंधों की संभावनाएं विषय पर विचार गोष्ठी

दक्षिणी पूर्वी एशियाई क्षेत्र में शान्ति और विकास तय करने पक्ष से भारत की भूमिका अहम- एच.ई. तोन सिन्न थान

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घड़ूंआं 23-Sep-2016

भारत तेज़ी के साथ दुनिया की प्रमुख ताकत बनने की तरफ बढ़ रहा है। दक्षिणी पूर्वी एशियाई क्षेत्र में शान्ति और विकास की नयी दिशा तय करने पक्ष से भारत अहम भूमिका निभा सकता है। यही कारण है कि वियतनाम भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सांझ बढ़ाने का प्रबल इछुक्क है। यह विचार वियतनाम के भारत में ए6बैसडर एच.ई. तोन सिन्न थान ने आज यहाँ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में नीतिगत और बहु-पासारी संबंधों की संभावनायों विषय पर करवाई गई विचार गोष्ठी के दौरान कहे। उनहोने यूनाईटड नेशनज़ आर्गनाइजेशन में भारत की स्थायी सीट और भारत के अतिवाद विरुद्ध स्टैंड की हिमायत करते हुए कहा कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिस ने अलग-अलग क्षेत्रों में वियतनाम की दिल खोल कर मदद की है। उनहोने कहा कि भारत की तरफ से ए1ट ईस्ट पालिसी के अंतर्गत दक्षिणी पूर्वी एशियाई देशों के लिए एक बिलियन का विशेष पैकेज दिया गया है, जिस में ५०० मिलियन की आर्थिक मदद केवल वियतनाम के लिए जारी की गई है। उनहोने आने वाले समय में दोनों देशों में व्यापार को ओर बढ़ाने का समर्थन करते हुए कहा कि २०२० तक भारत और वियतनाम के आपसी व्यापार का लक्ष्य १५ बिलियन डालर तक पहुँचने की संभावना है। 

वियतनाम के विद्यार्थियों के लिए भारत में ऊँची शिक्षा की संभावनायों के मुद्दे पर बोलते उनहोने कहा कि भारत सरकार की तरफ से वियतनाम के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग शिक्षा प्रोग्रामों के अंतर्गत विशेष वज़ीफ़ा योजनाएँ प्रदान की जा रही हैं। उनहोने कहा कि वियतनाम के विद्यार्थियों के लिए आई. टी., विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में शिक्षा, खोज और विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। उनहोने बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रोगराम के अंतर्गत वियतनाम के विद्यार्थियों के लिए विशेष रियायतें देने की हामी भरी है, जिसको मद्देनजऱ रखते हुए २०१७ के आगामी शैक्षिक शैशन दौरान वियतनाम के ३० विद्यार्थियों का पहला बैच चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं में ऊँची शिक्षा हासिल करने के लिए भेजा जा रहा है। उनहोने कहा कि भारतीय यूनिवर्सिटियों की तरफ से प्रोफेशनल शिक्षा के क्षेत्र में अपणाए मानक शैक्षिक प्रबंधों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में इसकी सं2या में ओर विस्तार होने की संभावनाएं हैं। भारत और वियतनाम के आपसी संबंधों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उनहोने कहा कि वियतनाम सरकार जल्दी ही दोनों देशों के संबंधों को और मज़बूत करने और विद्यार्थियों को भारत आने जाने की सुविधा प्रदान करने के लिए सीधी फलाइट शुरू करेगा। 

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं में स्वंय उद्दमियों को खोज और विकास कार्यों के लिए नेतृत्व प्रदान करने के लिए स्थापित किये गए उच्च स्तरीय इनकूबेटर सैंटर का दौरा करने के उपरांत उनहोने यूनिवर्सिटी के मानक खोज प्रबंधों की श्लाघा करते हुए एच.ई. तोन सिन्न थान ने कहा कि यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों की तरफ से इतने कम समय में इतने पेटैंट फाइल करना जहाँ यूनिवर्सिटी के खोज मानक को निश्चित करता है, वहाँ दूसरे होनहार विद्यार्थियों के लिए भी प्रोत्साहन का बड़ा संयोग बन रहा है। इस मौके उनहोने विद्यार्थियों के वियतनाम में शिक्षा और रोजग़ार की संभावनायों के बारे में सवालों के जवाब दिए। यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डॉ. आर. एस. बावा और प्रो. उप-कुलपति डॉ. बी. एस. सोही की तरफ से मेहमान श2िसयत के पंजाब की आन और शान की प्रतीक पगड़ी सजायी गई और यूनिवर्सिटी के एन.सी.सी. कैडिटों ने मु2य मेहमान को स्वागतम कहते हुए सलामी दी।