5 Dariya News

माफी के बाद पश्चाताप...

विशाल ददलानी पहुंचे जैन मुनि तरूण सागर जी महाराज के चरणों में

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चंडीगढ़ 21-Sep-2016

अपने कड़वे प्रवचनों के लिए प्र2यात जैन मुनि श्री तरूण सागर जी महाराज पर आपतिजनक टिप्पणी करने के बाद विवादों में आए बॉलीवूड के मशहूर संगीतकार विशाल ददलानी ने आज यहॉं सै1टर २७-बी में स्थित श्री दिग6बर जैन मंदिर में पहुंचकर जैन मुनि श्री तरूण सागर जी महाराज से माफी मांगी व जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार पंचमाफी भी मांगी। 

पंचमाफी में - 

मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूँ। (हाथ जोडऩा)

मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूँ। (सिर झुकाना)

मैं दिल से माफी मांगता हूँ। (दिल पर हाथ र2ाना)

मैं कान पकड़कर माफी मांगता हूँ। (कान पकडऩा)

मैं कभी किसी धर्म पर कोई गलत टिप्पणी नहीं करूंगा। 

इस अवसर पर मुनि श्री तरूण सागर जी महाराज ने कहा कि उन्होंने तो विशाल ददलानी को पहले ही माफ कर दिया था लेकिन उनके संस्कार व उनकी आत्मा की आवाज है कि वे स्वयं यहां चलकर आए और पंचमाफी मांगी है। महराज जी ने उन्हें पूर्ण रूप से माफ कर दिया है तथा उनका कहना था कि जैन समाज को भी अब उन्हें माफ कर देना चाहिए तथा विशाल ददलानी के खिलाफ चल रहे विवाद को समाप्त किया जाए।

इस अवसर पर विशाल ददलानी ने कहा कि वे किसी के कहने पर माफी मांगने नहीं आए हैं बल्कि स्वयं अपने दिल की आवाज पर प्रयाश्चित करने व महाराज जी के दर्शन करने चंडीगढ़ आए हैं। उन्होंने यहां आने से पहले महाराज जी के प्रवचनों को ध्यान से देखा व सुना है यहां आकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई व उन्होंने महसुस किया है कि महाराज श्री तरूण सागर जी सच्चे अर्थों में साफ कहने वाले संत हैं ऐसे संत बहुत कम होते हैं यहीं आकर उन्हें आत्म संतुष्टि प्राप्त हुई है। विशाल ददलानी ने यह भी कहा कि इस घटनाकर्म के दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है। महाराज जी से बातचीत करके उन्हें बहुत संतुष्टि मिली है उन्होंने दोबारा महाराज जी के पास आने की इच्छा भी जाहिर की।

इस मौके पर श्री दिग6बर जैन सोसायटी के प्रबंधक नवरतन जैन, श्री तरूण सागर चतुर्मास कमेटी के प्रधान धर्म बहादुर जैन और महासचिव कैलाश चंद जैन ने कहा कि जैन धर्म क्षमा मांगने और क्षमा देने के सिद्धांत पर चलता है। महाराज श्री तरूण सागर जी ने बॉलीवूड के संगीतकार विशाल ददवानी को पहले ही माफ कर दिया था। इसके बावजूद आज विशाल ददलानी ने चंडीगढ़ सै1टर २७-बी के श्री दिग6बर जैन मंदिर में आकर अपने विशाल ह्रदय एवं नम्रता का परिचय देते हुए महाराज जी के चरणों में पंच माफी मांगी है तथा जैन समाज भी क्षमावाणी के महत्व को समझते हुए उन्हें अपने ह्रदय से माफ किया तथा पूरे देश व पूरे समाज से अपील करता है कि वे विशाल ददलानी के प्रति अपने गुस्से को विराम दें तथा जहाँ कहीं भी किसी व्य1ित अथवा संस्था ने विशाल ददलानी के खिलाफ कहीं कानूनी कार्रवाई की उसे वापिस लें।