5 Dariya News

एक अपंग महिला के प्रति हरियाणा का लगाव बड़ी बात है : दीपा मलिक

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नई दिल्ली 17-Sep-2016

रियो पैरालम्पिक से रजत पदक जीतकर शनिवार को स्वदेश लौटीं दीपा मलिक का राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भव्य स्वागत हुआ, जिससे आह्लादित दीपा ने कहा कि एक अपंग महिला के प्रति हरियाणा का लगाव 'बड़ी बात' है। उल्लेखनीय है कि दीपा ने इतिहास रचते हुए रियो पैरालम्पिक में गोला फेंक स्पर्धा (एफ 53) में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 4.61 मीटर दूर गोला फेंका और रजत पदक हासिल किया।वह पैरालम्पिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं।स्वदेश लौटने पर मिले भव्य स्वागत से दीपा की खुशी का तब ठिकाना नहीं रहा, जब हरियाणा के उनके गांव से पूरा खाप पंचायत ही उनके स्वागत के लिए पहुंचा।दीपा ने समाचार चैनल 'एनडीटीवी' पर शनिवार की शाम प्रसारित कार्यक्रम 'यूथ फॉर चेंज कांक्लेव' में कहा, "लोगों का कहना है कि हरियाणा में महिलाओं को खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता। मुझे इस तरह की कोई बात नहीं पता। 

मैं जब रियो से लौटी तो मेरे गांव से करीब 200 लोग और पूरी खाप पंचायत मेरा स्वागत करने आई। उन्होंने मुझे गांव का नाम रोशन करने के लिए एक गदा भेंट की।"दीपा ने कहा, "अमूमन पुरुषों को इस तरह की भेंट दी जाती है। लेकिन उन्होंने मुझ अपंग महिला को यह भेंट किया, तो यह बहुत बड़ी बात है।"दीपा दो बच्चों की मां हैं और उनके पति सेना में अधिकारी हैं। कमर से नीचे लकवाग्रस्त दीपा को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।दीपा के रीढ़ की हड्डी में एक ट्यूमर था जिसे 1999 में ऑपरेशन के जरिए हटाया गया। हालांकि 31 सर्जरी के दौरान उनके कमर के निचले हिस्से में 183 टांके लगे और इसके बाद छह वर्षो तक वह व्हीलचेयर पर रहीं। लेकिन छह वर्षो के बाद उन्होंने पैरा-खेलों की ओर रुख किया और आज वह देश की बेहद सफल पैरा-खिलाड़ियों में शुमार हैं।