5 Dariya News

मोहम्मद अशरफ गनी ने अफगान-भारत कार्य बल का सुझाव दिया

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नई दिल्ली 14-Sep-2016

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने बुधवार को सुझाव दिया कि भारत-अफगान रणनीतिक रिश्ते को आगे ले जाने के लिए दोनों देशों की सरकारों और वाणिज्यिक संस्थाओं को मिलकर एक कार्यबल गठित करना चाहिए। गनी ने यहां कहा, "कार्यबल की बैठक दिसंबर में भारत में हर्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के दौरान हो सकती है।"गनी उद्योग संगठन, फिक्की, सीआईआई और एसोचैम की तरफ से संयुक्त रूप से आयोजित एक व्यापारिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। गनी इस समय दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं।गनी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए एक अरब डॉलर का आवंटन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में विश्वास का एक बयान है।"उन्होंने दोनों देशों की व्यापारिक संस्थाओं से आग्रह किया कि अगले पांच वर्षो में व्यापार एवं निवेश में 10 अरब डॉलर का एक लक्ष्य स्थापित कर अफगानिस्तान के प्रयासों में योगदान करें।

संपर्क के मुद्दे पर गनी ने कहा कि कार्गो उड़ानें काफी सक्षम हैं और इनके जरिए अफगानी सामानों को भारत में लाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि काबुल इस बारे में भी इच्छुक है कि नई दिल्ली अफगानिस्तान में सूखे पत्तन स्थापित करे। गनी ने कहा, "और चाय जैसे भारतीय उत्पादों को एक मूल्य श्रृंखला तैयार कर अफगानिस्तान लाया जा सकता है, जो सस्ता और टिकाऊ हो सकता है।"इस संबंध में इस वर्ष के प्रारंभ में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने चाबाहार त्रिपक्षीय पारगमन एवं व्यापार गलियारा समझौते पर हस्ताक्षर किया था। यह गलियारा पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए तीनों देशों के बीच सामानों का सुगम आवागमन सुनिश्चित कराएगा।

भारत ईरान के चाबाहार बंदरगाह को विकसित करने की परियोजना में 50 करोड़ डॉलर तक निवेश करेगा। यह बंदरगाह ओमान की खाड़ी के तट पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से 70 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है।चाबाहार बंदरगाह परिवहन एवं पारगमन गलियारा हिंद महासागर से अफगानिस्तान, मध्य एशिया और उसके आगे तक व्यापार मार्गो को जोड़ने में मदद करेगा।विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी सतत विकसित हो रही है और अब समय आ गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को अगले स्तर पर ले जाया जाए।