5 Dariya News

कर्नाटक के साथ अन्याय हुआ, प्रधानमंत्री से मिलेंगे : सिद्धारमैया

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बेंगलुरू 13-Sep-2016

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को राज्य के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि भले ही उनके राज्य के साथ 'अन्याय' हुआ है, लेकिन उनकी सरकार सर्वोच्च न्यायालय के कावेरी नदी के पानी को तमिलनाडु से साझा करने के 'कठिन फैसले' को लागू करेगी। कैबिनेट की आपात बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने अपील की कि और अधिक हिंसा कर बेंगलुरू की भारत की प्रौद्योगिक राजधानी की छवि खराब न की जाए।सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से इस मामले में दखल देने को कहा है। मैंने उनसे तुरंत मुलाकात का समय मांगा है।"उन्होंने कहा, "हमारे साथ अन्याय हुआ है, लेकिन फिर भी सर्वोच्च न्यायालय के ताजा आदेश के मुताबिक हम भारी मन से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ रहे हैं।

"सिद्धारमैया ने बेंगलुरू के लोगों खासकर तमिलों को उनके जानमाल की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया।शहर में शांति व हालात सामान्य करने पर लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, "बेंगलुरू न केवल राज्य की राजधानी है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय शहर है और सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया है। सलिए यहां शांति बनाए रखें।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की मांग को लेकर नौ सितंबर को मोदी को लिखे खत की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नई दिल्ली में बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक की पुष्टि के लिए हम प्रधानमंत्री कार्यालय के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करूंगा कि वे बातचीत के माध्यम से मुद्दे के समाधान के लिए दोनों राज्यों (कर्नाटक व तमिलनाडु) के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाएं।"उन्होंने आगे कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करना काफी मुश्किल है, लेकिन हम बेंगलुरू, मैसूर, मांड्या और कावेरी तट के अन्य क्षेत्रों में पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।"मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कड़ाई से कानून और व्यवस्था को लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "यह सच है कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हम समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए हमने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़ाई बरतने का फैसला किया है।"उन्होंने कहा, "शीर्ष अदालत द्वारा कल (सोमवार) के आदेश का कारण पांच सितंबर को दिए गए फैसले को लागू करने में राज्य सरकार की असमर्थता है।" 

उन्होंने कहा कि पहले अदालत ने प्रतिदिन 15,000 क्यूसेक पानी जारी करने का आदेश दिया था, जिसे अब 12,000 क्यूसेक कर दिया गया है।सिद्धारमैया ने संवाददताओं से भी स्थिति को सामान्य बनाने में मदद करने की गुजारिश की।इस बीच, राज्य के गृहमंत्री जी.परमेश्वर ने कहा कि बेंगलुरू में और उसके आसपास सोमवार से लेकर अब तक 355 लोगों को दंगा भड़काने, आगजनी व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर गिरफ्तार किया जा चुका है।मांड्या व मैसूर में लगभग 30 और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, सोमवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कुल 97 वाहनों को या तो जला दिया गया या पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इनमें से 78 वाहनों को बेंगलुरू में नुकसान पहुंचाया गया है।

परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, "बेंगलुरू तथा राज्य के अन्य हिस्सों में हालात शांतिपूर्ण व नियंत्रण में है। हमने मुसलमानों के इलाकों में बकरीद की नमाज के लिए कर्फ्यू में ढील दी।"शांति सुनिश्चित करने तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेंगलुरू, मांड्या व मैसूर में लगभग 15 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिनमें रैपिड एक्शन फोर्स की 10 कंपनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की पांच कंपनियां व सिटी आर्म्ड फोर्स इन बेंगलुरू की पांच कंपनियां शामिल हैं।