5 Dariya News

शारदा घोटाले के आरोपी मदन मित्रा को जमानत

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कोलकाता 09-Sep-2016

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा को एक स्थानीय अदालत ने यहां शुक्रवार को जमानत दे दी। करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तारी के 21 महीने से अधिक समय बाद उन्हें जमानत मिली है। मित्रा के परिवार और समर्थकों के लिए दुर्गा पूजा का त्योहार जैसे पहले ही आ गया, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने मित्रा को जमानत मिलने का जश्न मनाया। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की।मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, जिसके बाद संक्षिप्त समय के लिए वह जेल से बाहर थे। लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत बाद में रद्द कर दी थी।अलीपुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, उत्तम कुमार नंदी ने 15-15 लाख रुपये के दो बांड पर मित्रा को जमानत दे दी। इसके साथ ही न्यायालय ने मित्रा को आदेश दिया कि वह अपना पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कर दें, और समय-समय पर सीबीआई के समक्ष पेश होते रहें।मित्रा को एक रसूखदार व्यक्ति बताते हुए अभियोजन पक्ष उनकी जमानत का विरोध करता रहा है, और कलकत्ता उच्च न्यायालय सहित अन्य अदालतों ने इसके पहले कई मौकों पर उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था।निचली अदालत द्वारा मिली जमानत को जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया, तो मित्रा ने 19 नवंबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।मित्रा के मंत्री पद छोड़ने और विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके वकील अदालत को यह समझाने में सफल रहे कि मित्रा अब रसूख वाले व्यक्ति नहीं रहे।

मित्रा के वकील ने कहा, "वह (मित्रा) 600 दिन से अधिक समय से हिरासत में रहे, लेकिन सीबीआई उनके खिलाफ कुछ भी पेश नहीं कर पाई। बड़ी बात यह कि मित्रा अब रसूख वाले व्यक्ति भी नहीं रह गए, क्योंकि न तो वह मंत्री हैं, और विधायक ही।"मित्रा के वकील ने कहा, "सीबीआई ने कई पूरक आरोप-पत्र दाखिल किए, लेकिन उनमें मित्रा के खिलाफ कुछ नहीं था। न्यायालय ने 15-15 लाख रुपयों के दो बांड पर उन्हें जमानत दे दी।"मित्रा बंगाल के एकमात्र पूर्व मंत्री थे, जिन्होंने जेल में रहकर चुनाव लड़ा, लेकिन वह उत्तर 24 परगना जिले की अपनी कमरहाटी सीट बचा नहीं पाए। जबकि तृणमूल राज्य में भारी जीत दर्ज कराकर सत्ता में बनी रही।न्यायालय के इस कदम का स्वागत करते हुए तृणमूल के महासचिव पार्था चटर्जी ने सीबीआई पर हमला किया।उन्होंने कहा, "हत्या के आरोपी को भी कुछ दिनों में जमानत मिल जाती है, जबकि मित्रा 629 दिन हिरासत में रहे। (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और पूरी पार्टी की ओर से हम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं और मित्रा व उनके परिवार के स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं और उनके परिवार को बधाई देते हैं।"चटर्जी ने कहा, "मित्रा हमेशा जनता और पार्टी के साथ रहे और वह अपना यह जुड़ाव बनाए रखेंगे।"इस बीच सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील कर सकती है।सीबीआई के एक वकील ने कहा, "आज के आदेश का अध्ययन करने के बाद इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।"